इक़ामत के कलिमात अज़ान के कलिमात की तरह हैं. इन दोनों के कलिमात में मात्र इतना फ़र्क़ है के इक़ामत में حَيَّ عَلى الْفَلَاح (हय्य अलल फ़लाह) के बाद قَدْ قَامَتِ الصَّلاَة قَدْ قَامَتِ الصَّلاَة...
और पढ़ो »अपने को मिटाना चाहिए
हज़रत मौलाना अशरफ अली थानवी रह़िमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फ़रमाया: एक बड़े फ़ाज़िल यहां आए और मुझ…
क़यामत की निशानियां
दज्जाल के फ़ित्नो से कैसे बचें? मुबारक हदीसों में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने अपनी उम्मत …
दुरूदे इब्राहीम
عن عبد الرحمن بن أبي ليلى قال لقيني كعب بن عجرة فقال ألا أهدي لك هدية سمعتها من النبي صلى الله عليه …
हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु का अपना ‘अहद पूरा करना
रसूलु-ल्लाह सल्ल-ल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने एक बार फ़रमाया: طلحة ممن قضى نحبه (أي ممن وفوا بعهدهم من ال…
सुबह-शाम दुरूद शरीफ़ पढ़ना
عَن ابي الدرداء رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم مَن صَلَّى عَلَيَّ حِينَ يُصْبِحُ…
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ग़ुसल और जनाज़े की नमाज के बग़ैर दफ़न किए गए मय्यित की जनाज़े की नमाज़
अगर किसी मय्यित को ग़ुसल और जनाज़े की नमाज़ के बग़ैर दफ़न कर दिया गया हो, तो उस की जनाज़े की नमाज़ उस की क़बर पर पढ़ी जाएगी, इस शर्त के साथ के उस की लाश न फटी हो...
और पढ़ो »एक दुरूद के बदले सत्तर इन्आमात
عن عبد الرحمن بن مريح الخولاني قال سمعت أبا قيس مولى عمرو بن العاصي يقول: سمعت عبد الله بن عمرو يقول: من صلى على رسول الله صلى الله عليه وسلم صلاة صلى الله عليه وملائكته سبعين صلاة فليقل عبد من ذلك أو ليكثر...
और पढ़ो »इमान की हिफ़ाज़त बुज़ुर्गोने दीन की संगात पर निर्भर है
हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः
"यह ज़माना बहोत ज़्यादह फ़ितनों से भरा हुवा है. इस में तो इमान ही के लाले पड़े हैं. इसी वजह से में ने बुज़ुर्गाने दीन की सोहबत(संगात) को फ़र्ज़े ऐन(बहुत ज़रूरी) क़रार दिया है(घोषित किया है). में तो फ़तवा देता हुं के...
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-१७)
اللّٰهُمَّ إِنَّ هٰذَا إِقْبَالُ لَيْلِكَ وَإِدْبَارُ نَهَارِكَ وَأَصْوَاتُ دُعَاتِكَ فَاغْفِرْ لِيْ
ए अल्लाह ! बेशक यह रात की शरूआत और दीन की इन्तेहा है और यह आप के बंदों(मुअज़्ज़िन) की आवाज़े हैं जो आप की तरफ़ बुला रहे हैं. आप मेरी मग़फ़िरत फ़रमाइए...
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