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क़ुर्बानी के जानवर में सातवें हिस्से से कम हिस्सा लेना

सवाल – अगर क़ुर्बानी के जानवर के शुरका (भागीदारो) में से किसी शरीक (भागीदार) का हिस्सा सातवें हिस्से से कम हो, तो क्या तमाम शुरका (भागीदारो) की क़ुर्बानी दुरूस्त होगी?

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कामिल (संपूर्ण) षवाब वाला दुरूद

عن أبي هريرة رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم من سره أن يكتال بالمكيال الأوفى إذا صلى علينا أهل البيت فليقل اللهم صل على محمد النبي الأمي وأزواجه أمهات المؤمنين وذريته وأهل بيته كما صليت على إبراهيم إنك حميد مجيد أخرجه أبو داود في سننه وعبد بن حميد في مسنده وأبو نعيم عن الطبراني كلهم من طريق نعيم المجمر عنه وكذا هو عندنا في حديث ابن علم الصفار عن أبي بكر بن أبي خيثمة...

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अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-१३)

(१) अगर बहोत सी क़ज़ा नमाज़ें एक साथ अदा की जाऐं, तो हर नमाज़ के अलग अलग अज़ान देना जाईज़ है और अगर तमाम क़ज़ा नमाज़ों के लिए एक ही अज़ान दी जाए, तो भी काफ़ी है. यहांतक के हर नमाज़ के लिए इक़ामत अलग होनी चाहिए...

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