हजीर जाबिर (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो व्यक्ति मुझ पर हर दिन सो (१००) बार दुरूद भेजता है, अल्लाह तआला उस की सो (१००) ज़रूरतें पूरी करेंगेः सत्तर (७०) ज़रूरतें उस के आख़िरत के जीवन के बारे में और तीस (३०) ज़रूरतें उस की दुनयवी जीवन से संबंधित.”...
और पढ़ो »जन्नत में दाख़िल करने वाले अमल को छोड़ना
عن حسين بن علي رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم... …
कोहे हिरा का खुशी से झूमना
ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه …
हर शबो रोज़ तीन मर्तबा दुरूद शरीफ़ पढ़ने का षवाब
عن ابي كاهل رضي الله عنه قال قال لي رسول الله صلى الله عليه وسلم... …
तबूक की लड़ाई के अवसर पर हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रद़ियल्लाह अन्हु का अपना माल खर्च करना
لما حضّ رسول الله صلى الله عليه وسلم الصحابة رضي الله عنهم على الإنفاق تجهيزا للجيش لغزوة تبوك، أنفق…
अल्लाह की नज़र से गिरने की एक वजह
एक दीनी मद्रसा के एक मशहूर उस्ताद का ज़िक्र करते हुए हज़रत मौलाना मुह़म्मद इल्यास साहिब रह़िमहुल्लाह…
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शादी की मुरव्वजह दअवतें
शेख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहम्मद ज़करिय्या साहब (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “मुझे इन शादियों की दअवत से हंमेशा नफ़रत रही (चुंके सुन्नत तरीक़ा यह है के शादी में सादगी होनी चाहिए). मेरे यहां देखने वालों को सब ही को मालूम है के मेहमानों की भीड़ बाज़ अवक़ात दो …
और पढ़ो »निकाह की सुन्नतें और आदाब – ५
(३) वलीमा भी सादगी के साथ किया जाए. नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) का मुबारक फ़रमान है के “सब से बाबरकत वाला निकाह वह है, जिस में कम ख़र्च हो (यअनी निकाह और वलीमा सादा किया जाए और इसराफ़ और फ़ुज़ूल ख़र्ची से बचा जाए).”...
और पढ़ो »मस्ज़िद की सुन्नतें और आदाब- (भाग-७)
हज़रत अबु सईद ख़ुदरी (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमायाः “जिस ने मस्जिद से गंदगी साफ़ की, अल्लाह तआला उस के लिए जन्नत में घर बनाऐंगे.”....
और पढ़ो »जनाज़े को क़ब्रस्तान तक ले जाने से संबंधित मसाईल
(१) अगर मय्यित शिशु (दुध पिता बच्चा) हो तथा उस से बड़ा हो, तो उस को क़बरस्तान ले जाने में नअश(मृत देह) (चारपाई) पर उठाया नही जाएगा, बलकि उस को हाथ पर उठा कर ले जाया जाएगा...
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