(ए पयगंबर) आप (क़ुर्आन) अपने रब का नाम ले कर पढ़ा किजीए, जिस ने पैदा किया (१) जिस ने इन्सान को ख़ुन के लोठड़े से पैदा किया (२) आप क़ुर्आन पढ़ा किजीए और आप का रब बड़ा करीम है...
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हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
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फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
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दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
3 weeks ago
हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
3 weeks ago
अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
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दीन की तब्लीग़ में मेहनत
सय्यिदिना रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) इस्लाम की शुरुआत के ज़माने में (जब दीन कमजोर था और दुनिया मज़बूत थी) बे तलब (जिन में शौक़ नही उन) लोगों के घर जा जा कर उन की सभा में बिला तलब (बिन बुलाये) पहुंच कर दावत देते थे, तलब के प्रतिक्षा नही करते थे. कुछ स्थानों पर...
और पढ़ो »मस्ज़िद की सुन्नतें और आदाब- (भाग-६)
(२) मस्जिद में किसी आदमी को उस की जगह से उठान ताकि उस की जगह दूसरा आदमी बेठे, जाईज़ नहीं है...
और पढ़ो »जनाज़ा उठाने का तरीक़ा
(२) जनाज़ा को तेज़ी से ले कर चलना मसनून है, लेकिन दोड़ना नहीं चाहिए और न ही इतना ज़्यादह तेज़ चलना चाहिए के मय्यित का जिस्म एक तरफ़ से दूसरी तरफ़ हिलने लगे...
और पढ़ो »मुसीबत की हालत के अहकाम
“अगर मुसीबत हमारे किसी भाई मुसलमान पर नाज़िल हो तो उस को अपने ऊपर नाज़िल समझा जावे उस के लिए वैसी ही तदबीर की जाए जैसा के अगर अपने ऊपर मुसीबत नाज़िल होती तो उस वक़्त ख़ुद करते.”...
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