हज़रत अबु हुरैरह (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने “एक शख़्स की जनाज़े की नमाज़ पढ़ाई फिर उस की क़बर पर आए और उस के सर की तरफ़ से तीन मर्तबा उस की क़बर पर मट्टी ड़ाली.”...
और पढ़ो »जन्नत में दाख़िल करने वाले अमल को छोड़ना
عن حسين بن علي رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم... …
कोहे हिरा का खुशी से झूमना
ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه …
हररोज रात दिन तीन मर्तबा दुरूद-शरीफ़ पढ़ने का सवाब
عن ابي كاهل رضي الله عنه قال قال لي رسول الله صلى الله عليه وسلم... …
तबूक की लड़ाई के अवसर पर हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रद़ियल्लाह अन्हु का अपना माल खर्च करना
لما حضّ رسول الله صلى الله عليه وسلم الصحابة رضي الله عنهم على الإنفاق تجهيزا للجيش لغزوة تبوك، أنفق…
अल्लाह की नज़र से गिरने की एक वजह
एक दीनी मद्रसा के एक मशहूर उस्ताद का ज़िक्र करते हुए हज़रत मौलाना मुह़म्मद इल्यास साहिब रह़िमहुल्लाह…
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फ़ज़र की नमाज़ और मग़रिब की बाद सो (१००) बार दुरूद शरीफ़
तो हज़रत उम्मे सुलैम (रज़ि.) ने एक शीशी ली और उस में आप (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) का मुबारक पसीना जमअ करने लगीं. जब आप (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) बेदार हुए, तो सवाल किया के “ए उम्मे सुलैम यह तुम क्या कर रही हो?”...
और पढ़ो »मोहब्बत का बग़ीचा (सातवां प्रकरण)
بسم الله الرحمن الرحيم अल्लाह तआला की महान नेअमत हज़रत अय्यूब (अलै.) अल्लाह तआला के जलीलुल क़द्र नबी थे. जो अल्लाह तआला की तरफ़ से तीव्र रोग से आज़माए गए. चन्द साल के सबर के बाद बिलआख़िर अल्लाह तआला ने उन्हें अपने फ़ज़लो करम से शिफ़ा अता फ़रमाई. उन्हें शिफ़ा …
और पढ़ो »सुरतुल क़द्र की तफ़सीर
तर्जमाः- बेशक हमने क़ुर्आन को शबे क़द्र में उतारा (१) और आप को कुछ मालूम है के शबे क़द्र कैसी चीज़ है (२) शबे क़द्र हज़ार महीनों से बेहतर है (३)...
और पढ़ो »सब से ज़्यादह नफ़रत के क़ाबिल चीज़ तकब्बुर है
सब से ज़्यादह नफ़रत की चीज़ मेरे ज़हन में तकब्बुर है इतनी नफ़रत मुझे किसी गुनाह से नही जितनी इस से है. युं और भी बड़े बड़े गुनाह हैं जैसे ज़िना (व्याभिचार), शराब पीना वग़ैरह, लेकिन...
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