शेख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहम्मद ज़करिय्या साहब (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “लोग अपने पूर्वजो से, ख़ानदान से और इसी तरह बहोत सी चीज़ों से अपनी शराफ़त तथा बड़ाई ज़ाहिर किया करते हैं, उम्मत के लिए गर्व का ज़रीआ कलामुल्लाह शरीफ़ है के उस के पढ़ने से उस के …
और पढ़ो »दुरूदे इब्राहीम
عن عبد الرحمن بن أبي ليلى قال لقيني كعب بن عجرة فقال ألا أهدي لك هدية سمعتها من النبي صلى الله عليه …
हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु का अपना ‘अहद पूरा करना
रसूलु-ल्लाह सल्ल-ल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने एक बार फ़रमाया: طلحة ممن قضى نحبه (أي ممن وفوا بعهدهم من ال…
सुबह-शाम दुरूद शरीफ़ पढ़ना
عَن ابي الدرداء رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم مَن صَلَّى عَلَيَّ حِينَ يُصْبِحُ…
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अन्हु) का दुरूद
عَنِ ابْنِ عَبَّاسٍ رَضِيَ اللهُ عَنهُمَا أَنَّهُ كَانَ إذَا صَلَّى عَلَى النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَ…
रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम) के बहोत ज़्यादा ख़ुश होने की वजह
عن أبي طلحة الأنصاري رضي الله عنه قال أصبح رسول الله صلى الله عليه وسلم يوما طيب النفس يرى في وجهه ا…
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मस्ज़िद की सुन्नतें और आदाब- (भाग-५)
रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जिस व्यक्ति ने जुम्आ के दिन लोगों की गरदनें फांदी, उस ने (अपने लिए) जहन्नम में जाने का पुल बना लिया.”...
और पढ़ो »दुरूद शरीफ़ ग़ुर्बत दूर करने का ज़रीआ
हज़रत अबु हुरैरह (रज़ि.) से रिवायत है के एक मर्तबा नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के मुझे किसी आदमी के माल से इतना नफ़ा नहीं हुवा जितना मुझे हज़रत अबु बक्र सिद्दीक़ (रज़ि.) के माल से नफ़ा हुवा...
और पढ़ो »इस्लाम में फ़र्ज़ और नफ़ल का स्थान
“फ़राईज़ का स्थान नवाफ़िल से बहोत उच्चतर है बलकि समझना चाहिए के नवाफ़िल से मक़सूद ही फ़राईज़ की तकमील या उन की कोताहियों की तलाफ़ी होती है इसलिए के फ़राईज़ असल हैं...
और पढ़ो »मुहब्बत का बग़ीचा (दूसरा प्रकरण)
यक़ीनन करूणता व मुहब्बत का यह निराला जौहर हमारे आक़ा सरकारे दो आलम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के तमाम अख़लाक़े आलिया(उच्च संस्कार) और अवसाफ़े हमीदा(नीराली सभ्यता) के अंदर थे और आप के यही मुबारक किरदार(व्यव्हार) को मखलूक़े इलाही दीन-रात मुशाहदा करते(देखते) थे. जो बहोस से लोगों के इस्लाम लाने का कारण बना.۔۔
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