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मोहब्बत का बग़ीचा (सातवां प्रकरण)‎

بسم الله الرحمن الرحيم अल्लाह तआला की महान नेअमत हज़रत अय्यूब (अलै.) अल्लाह तआला के जलीलुल क़द्र नबी थे. जो अल्लाह तआला की तरफ़ से तीव्र रोग से आज़माए गए. चन्द साल के सबर के बाद बिलआख़िर अल्लाह तआला ने उन्हें अपने फ़ज़लो करम से शिफ़ा अता फ़रमाई. उन्हें शिफ़ा …

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सुरतुल क़द्र की तफ़सीर

तर्जमाः- बेशक हमने क़ुर्आन को शबे क़द्र में उतारा (१) और आप को कुछ मालूम है के शबे क़द्र कैसी चीज़ है (२) शबे क़द्र हज़ार महीनों से बेहतर है (३)...

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सब से ज़्यादह नफ़रत के क़ाबिल चीज़ तकब्बुर है

सब से ज़्यादह नफ़रत की चीज़ मेरे ज़हन में तकब्बुर है इतनी नफ़रत मुझे किसी गुनाह से नही जितनी इस से है. युं और भी बड़े बड़े गुनाह हैं जैसे ज़िना (व्याभिचार), शराब पीना वग़ैरह, लेकिन...

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मस्ज़िद की सुन्नतें और आदाब- (भाग-९)

हज़रत अम्र बिन मैमून (रह.) से रिवायत है के हज़रत उमर (रज़ि.) ने इरशाद फ़रमाया के “मस्जिदें ज़मीन पर अल्लाह तआला के मकानात हैं और मेज़बान की ज़िम्मेदारी है के वह अपने मेहमान का इकराम करे.”...

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मय्यित की तदफ़ीन का तरीक़ा

मय्यित को क़िब्ले की तरफ से लाया जाए और क़बर में इस तरह उतारा जाए के मय्यित को उतारने वाले क़बर में क़िबले की तरफ़ रूख़ कर के खड़े हों. रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) सहाबए किराम (रज़ि.) को इसी तरह दफ़ण फ़रमाते थे....

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