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ग़ुसल की सुन्नतें और आदाब-२

ग़ुसल करने का मस्नून तरीक़ा (१) ग़ुसल के शुरू में दोनों हाथों को गट्टों समेत धोना. [१] عن عائشة زوج النبي صلى الله عليه وسلم أن النبي صلى الله عليه وسلم كان إذا اغتسل من الجنابة بدأ فغسل يديه  (صحيح البخاري، الرقم: ۲٤۸) नबी (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की ज़वजा उम्मुल …

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मोहब्बत का बग़ीचा (आठवां प्रकरण)

بسم الله الرحمن الرحيم जन्नत की कुंजी इस्लाम ही वह वाहिद मज़हब है जो अल्लाह तआला से मुहब्बत का रास्ता सिखाता है और जन्नत तक ले जाता है. इस्लामी तालीमात पर अमल करने से बंदे को अल्लाह तआला की ख़ुश्नुदी और दुनिया और आख़िरत में कामयाबी मिलती है. इस्लाम के …

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ग़ुसल की सुन्नतें और आदाब-१

ग़ुसल करने का मस्नून तरीक़ा (१) ग़ुसल के दौरान क़िब्ला का इस्तेक़बाल न करना(क़िब्ले की तरफ़ मुंन न करना).[1] (२) ऐसी जगह ग़ुसल करना, जहां किसी की नज़र न पड़े. बेहतर यह है के ग़ुसल के समय सतर के हिस्से को ढ़ांप लिया जाए. अलबत्ता अगर कोई एसी जगह ग़ुसल …

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सूरतुल बय्यिनह की तफ़सीर

जो लोग एहले किताब और मुशरिकों में से काफ़िर थे वह बाज़ आने वाले न थे, जब तक के उन के पास एक वाज़िह दलील (स्पष्ट तर्क) न आती (१) (यअनी) अल्लाह का एक रसूल, जो पाक सहीफ़े पढ़ कर सुनाए (२) जिन में दुरूस्त मज़ामीन लिखे हों (३) और जो लोग एहले किताब थे वह इस वाज़िह दलील (स्पष्ट तर्क) के आने के बाद ही मुख़तलिफ़ हुए (४)...

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