हज़रत अम्र बिन मैमून (रह.) से रिवायत है के हज़रत उमर (रज़ि.) ने इरशाद फ़रमाया के “मस्जिदें ज़मीन पर अल्लाह तआला के मकानात हैं और मेज़बान की ज़िम्मेदारी है के वह अपने मेहमान का इकराम करे.”...
और पढ़ो »दुरूदे इब्राहीम
عن عبد الرحمن بن أبي ليلى قال لقيني كعب بن عجرة فقال ألا أهدي لك هدية سمعتها من النبي صلى الله عليه …
हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु का अपना ‘अहद पूरा करना
रसूलु-ल्लाह सल्ल-ल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने एक बार फ़रमाया: طلحة ممن قضى نحبه (أي ممن وفوا بعهدهم من ال…
सुबह-शाम दुरूद शरीफ़ पढ़ना
عَن ابي الدرداء رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم مَن صَلَّى عَلَيَّ حِينَ يُصْبِحُ…
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ियल्लाहु अन्हु) का दुरूद
عَنِ ابْنِ عَبَّاسٍ رَضِيَ اللهُ عَنهُمَا أَنَّهُ كَانَ إذَا صَلَّى عَلَى النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَ…
रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम) के बहोत ज़्यादा ख़ुश होने की वजह
عن أبي طلحة الأنصاري رضي الله عنه قال أصبح رسول الله صلى الله عليه وسلم يوما طيب النفس يرى في وجهه ا…
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मय्यित की तदफ़ीन का तरीक़ा
मय्यित को क़िब्ले की तरफ से लाया जाए और क़बर में इस तरह उतारा जाए के मय्यित को उतारने वाले क़बर में क़िबले की तरफ़ रूख़ कर के खड़े हों. रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) सहाबए किराम (रज़ि.) को इसी तरह दफ़ण फ़रमाते थे....
और पढ़ो »हज़रत जिब्रईल ‘अलैहिस्सलाम और रसूले करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम की बद दुआ
जो बुलंद आवाज़ से दुरूद शरीफ़ पढ़ेगा, उस को जन्नत मिलेगी, तो में ने और मजलिस के दीगर लोगों ने भी बुलंद आवाज़ से दुरूद शरीफ़ पढ़ा. जिस की बरकत से अल्लाह तआला ने हमारे गुनाहों को माफ़ फ़रमाया और अल्लाह तआला ने हम सब को जन्नत में दाख़िल कर दिया...
और पढ़ो »निकाह की सुन्नतें और आदाब – ६
शरीअत ने मियां-बीवी में से हर एक को अलग अलग जिम्मेदारियां दी है, शरीअत ने दोनों को अलग ज़िम्मेदारियों का मुकल्लफ़ इस वजह से बनाया, क्युंकि मर्द और औरत मिज़ाज और स्वभाव के एतेबार से अलग अलग हैं, लिहाज़ा दोनों का आधिकारिक कर्तव्य एक नही हो सकता है...
और पढ़ो »दीन की तब्लीग़ में मेहनत
“लोगों को दीन की तरफ़ लाने और दीन के काम में लगाने की तदबीरें सोचा करो (जैसे दुनिया वाले अपने दुनयावी मक़सदों के लिए तदबीरें सोचते रहते हैं) और जिस को जिस तरह से मुतवज्जेह कर सकते हो उस के साथ उसी रास्ते से कोशिश करो.”...
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