हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “यह भी नफ़अ से ख़ाली नही के अगर इन्सान कुछ भी न करे तो कम से कम उस को अहले हक़ से दुश्मनी (दीली बुग़्ज़ और कीना) तो न हो यह दुश्मनी बहोत ही ख़तरनाक चीज़ है.” (मलफ़ूज़ाते हकीमुल …
और पढ़ो »जन्नत में दाख़िल करने वाले अमल को छोड़ना
عن حسين بن علي رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم... …
कोहे हिरा का खुशी से झूमना
ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه …
हर शबो रोज़ तीन मर्तबा दुरूद शरीफ़ पढ़ने का षवाब
عن ابي كاهل رضي الله عنه قال قال لي رسول الله صلى الله عليه وسلم... …
तबूक की लड़ाई के अवसर पर हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रद़ियल्लाह अन्हु का अपना माल खर्च करना
لما حضّ رسول الله صلى الله عليه وسلم الصحابة رضي الله عنهم على الإنفاق تجهيزا للجيش لغزوة تبوك، أنفق…
अल्लाह की नज़र से गिरने की एक वजह
एक दीनी मद्रसा के एक मशहूर उस्ताद का ज़िक्र करते हुए हज़रत मौलाना मुह़म्मद इल्यास साहिब रह़िमहुल्लाह…
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कोई चीज़ भूलने के वक़्त दुरूद शरीफ़ पढ़ना
عن أنس رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: إذا نسيتم شيئا فصلوا علي تذكروه إن شاء الله تعالى (أخرجه أبو موسى المديني بسند ضعيف كما في القول البديع صـ ٤٤۸) हज़रत अनस (रज़ि.) से रिवायत है के रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया …
और पढ़ो »मोहब्बत का बग़ीचा (दसवां प्रकरण)
بسم الله الرحمن الرحيم घरों में बरकत और ख़ुशहाली कैसे आएगी? एक मर्तबा रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) सफ़र में थे. उसी उषना (दरमियान) में हज़रत आंयशा (रज़ि) ने घर के दरवाज़े पर एक परदा लटका दिया, जिस पर जानदार की तस्वीरें थीं, क्युंकि उस वक्त तक हज़रत आंयशा (रज़ि.) …
और पढ़ो »ग़ुसल की सुन्नतें और आदाब-५
ग़ुसल के फ़राईज़ (१) इस तरह कुल्ली करना के मुंह के हर हिस्से में पानी पहोंच जाए. (२) नाक में पानी ड़ालना (नरम हड्डी तक पानी पहोंचाना). (३) पूरे बदन पर पानी बहाना. [१] ग़ुसल की सुन्नते (१) नापाकी दूर करने और पाक होने की निय्यत करना. (२) अगर बदन …
और पढ़ो »उलमा और बड़ो की बेअदबी अपना ही नुक़सान है
“उलमा और अईमए दीन की बेअदबी तथा उन के साथ बदगुमानी यह तो बहोत बडी बात है, सामान्य आदमी सामान्य मुसलमान की आबरू रेज़ी और बदगुमानी यह भी किसी तरह जाईज़ नहीं, उन बड़ों में से ख़ुदा न ख्वास्ता अगर किसी की बे अदबी हो गई, तो याद रखो के अपना सब कुछ खो बेठोगे.”...
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