शौहर को चाहिए के वह अपनी बिवी का लिहाज़ करे और उस के जज़बात का ख़्याल रखे, तमाम ऊमूर में उस के दिल को ख़ुश रखने की कोशिश करे...
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
નવા લેખો
ग़ुसल की सुन्नतें और आदाब-४
(१) ग़ुसल के दौरान पानी बरबाद न करें. न तो बहोत ज़्यादह पानी इस्तेमाल करें और न इतना कम पानी इस्तेमाल करें के पूरे तौर पर बदन को धोना मुमकिन न हो...
और पढ़ो »मोहब्बत का बग़ीचा (नवां प्रकरण)
بسم الله الرحمن الرحيم अल्लाह तआला और मख़लूक़ की अमानत अदा करने की महत्तवता अज्ञानता का युग और इस्लाम की शरूअत में उषमान बिन तलहा ख़ानऐ काअबा की चाबी के ज़िम्मेदार थे. उन का मामूल था के वह हर हफ़्ते पीर और जुमेरात के दिन ख़ानए काअबा का दरवाज़ा खोलते …
और पढ़ो »नबिए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम के मुबारक नाम के साथ दुरूद शरीफ़ लिखना
عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: من صلى علي في كتاب لم تزل الملائكة تستغفر له ما دام اسمي في ذلك الكتاب (المعجم الأوسط للطبراني، الرقم: ۱۸۳۵، وسنده ضعيف كما في كشف الخفاء، الرقم: ۲۵۱۸) हज़रत अबु हुरैरह रदि अल्लाहु ‘अन्हु से …
और पढ़ो »दीन के काम की बरकात
हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब(रह.) ने एक मर्तबा फ़रमायाः “असल तो यही है के रज़ाए इलाही और उख़रवी अजर ही के लिए दीनी काम किया जाए, लेकिन तरग़ीब में मोक़े के हिसाब से दुन्यवी बरकात का भी ज़िक्र करना चाहिए. बाज़ आदमी एसे होते हैं के शुरूआतमें दुन्यवी बरकात ही …
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