بسم الله الرحمن الرحيم जन्नत की कुंजी इस्लाम ही वह वाहिद मज़हब है जो अल्लाह तआला से मुहब्बत का रास्ता सिखाता है और जन्नत तक ले जाता है. इस्लामी तालीमात पर अमल करने से बंदे को अल्लाह तआला की ख़ुश्नुदी और दुनिया और आख़िरत में कामयाबी मिलती है. इस्लाम के …
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु का अपना ‘अहद पूरा करना
रसूलु-ल्लाह सल्ल-ल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने एक बार फ़रमाया: طلحة ممن قضى نحبه (أي ممن وفوا بعهدهم من ال…
सुबह-शाम दुरूद शरीफ़ पढ़ना
عَن ابي الدرداء رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم مَن صَلَّى عَلَيَّ حِينَ يُصْبِحُ…
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ि.) का दुरूद
عَنِ ابْنِ عَبَّاسٍ رَضِيَ اللهُ عَنهُمَا أَنَّهُ كَانَ إذَا صَلَّى عَلَى النَّبِيِّ صَلَّى اللهُ عَ…
रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम के बहोत ज़्यादह ख़ुश होने का कारण
عن أبي طلحة الأنصاري رضي الله عنه قال أصبح رسول الله صلى الله عليه وسلم يوما طيب النفس يرى في وجهه ا…
क़यामत के दिन नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम से ज़्यादा निकट शख़्स
عَن عَبدِ اللهِ بنِ مَسعُودٍ رَضِيَ اللهُ عَنهُ أَنَّ رَسُولَ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّم ق…
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ग़ुसल की सुन्नतें और आदाब-१
ग़ुसल करने का मस्नून तरीक़ा (१) ग़ुसल के दौरान क़िब्ला का इस्तेक़बाल न करना(क़िब्ले की तरफ़ मुंन न करना).[1] (२) ऐसी जगह ग़ुसल करना, जहां किसी की नज़र न पड़े. बेहतर यह है के ग़ुसल के समय सतर के हिस्से को ढ़ांप लिया जाए. अलबत्ता अगर कोई एसी जगह ग़ुसल …
और पढ़ो »सूरतुल बय्यिनह की तफ़सीर
जो लोग एहले किताब और मुशरिकों में से काफ़िर थे वह बाज़ आने वाले न थे, जब तक के उन के पास एक वाज़िह दलील (स्पष्ट तर्क) न आती (१) (यअनी) अल्लाह का एक रसूल, जो पाक सहीफ़े पढ़ कर सुनाए (२) जिन में दुरूस्त मज़ामीन लिखे हों (३) और जो लोग एहले किताब थे वह इस वाज़िह दलील (स्पष्ट तर्क) के आने के बाद ही मुख़तलिफ़ हुए (४)...
और पढ़ो »सुलहा की सूरत इख़्तियार करने में भी फ़ाईदा है
तो दोस्तो ! सूरत बना लो, अल्लाह तआला हिफ़ाज़त भी करेगा और तरक़्क़ी भी मिलेगी. बेटिकट अन्दर भी चले गए, सब ही कुछ हुवा...
और पढ़ो »सदक़ए फ़ित्र में गेहुं और जौ की क़ीमत अदा करना
सवाल – क्या सदक़ए फ़ित्र की अदायगी के लिए गेहुं और जौ ही देना ज़रूरी है या इन दोनों की क़ीमत देना भी जाईज़ है?
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