इद्दत के दौरान मना चीज़ें जिस औरत को तलाक़े-बाइन या तलाक़े-मुग़ल्लज़ा दी गई हो या उस के शौहर का इन्तिक़ाल हो गया हो, तो उसके लिए इद्दत के दौरान नीचे दी गई चीज़ें मना हैं: (१) इद्दत के दौरान निकाह करना जायज़ नहीं है। अगर निकाह करेगी तो उस का …
और पढ़ो »हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: عبد الرحمن في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة ف…
फ़रिश्तों की मुसलसल दुआ
عَن عَامِر بن رَبِيَعَة رَضِي اللهُ عَنهُ عَن النّبي صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَ سَلَّمَ قَالَ مَا مِن م…
दुरूद लिखने वाले फ़रिश्ते
عن عقبة بن عامر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن للمساجد أوتادا جلساؤهم المل…
हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु एक बेहतरीन मुसलमान
नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ़ रज़ियल्लाह अन्हु के बारे में फ़रमा…
अज़ान के बाद दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن عمرو بن العاص رضي الله عنهما أنه سمع النبي صلى الله عليه وسلم يقول: إذا سمعتم المؤذن …
નવા લેખો
जुमा के दिन दुरूद-शरीफ़ की कसरत (दुरूद शरीफ़ ज़्यादा पढ़ना)
عن أوس بن أوس رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم إن من أفضل أيامكم يوم الجمعة فأكثروا علي من الصلاة فيه فإن صلاتكم معروضة علي (سنن أبي داود#١٠٤٧)
हज़रत औस बिन औस (रज़ि.) से रिवायत है के...
और पढ़ो »तमाम तक्लीफ घटाने की तदबीर
एक साहब ने एक घरेलू मामले के संबंध में अर्ज़ किया कि इससे हजरत (हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी रह़िमहुल्लाह) को तक्लीफ़ हुई होगी। हज़रत वला (हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी रह़िमहुल्लाह) ने फ़र्माया: नहीं साहब! मुझे कुछ तकलीफ नहीं हुई.अल्लाह तआला का लाख लाख शुकर है कि उसने मुझ …
और पढ़ो »सूरह-फलक़ और सूरह-नास की तफ़सीर – प्रस्तावना
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ﴿١﴾ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ﴿٢﴾ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ﴿٣﴾ وَمِن شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ ﴿٤﴾ وَمِن شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ ﴿٥﴾ आप (ऐ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम! लोगों से) कह दीजिए कि मैं पनाह मांगता हूं सुबह के रब की (१) हर चीज़ के शर से जो उसने बनाई (२) और अंधेरी …
और पढ़ो »हज़रत तलहा बिन उबैदुल्लाह रज़ियल्लाहु अन्हु का अपने लिए जन्नत हासिल करना
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने फ़रमाया: أوجب طلحة (أي الجنة) (جامع الترمذي، الرقم: 1692) तल्हा ने (जन्नत) को अपने लिए वाजिब कर लिया। हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु उहुद की लड़ाई में हज़रत ज़ुबैर बिन अवाम रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं के हुज़ूर अक़दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम के मुबारक बदन पर उहुद …
और पढ़ो »