عن أبي هريرة عن النبي صلى الله عليه وسلم قال من قال اللهم صل على محمد وعلى آل محمد كما صليت على إبراهيم وعلى آل إبراهيم وبارك على محمد وعلى آل محمد كما باركت على إبراهيم وعلى آل إبراهيم وترحم على محمد وعلى آل محمد كما ترحمت على إبراهيم وعلى آل إبراهيم شهدت له يوم القيامة بشهادة وشفعت له بشفاعة أخرجه البخاري في الأدب المفرد وأبو جعفر الطبري في تهذيبه والعقيلي...
और पढ़ो »हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – हब्शियों में सबसे पहले मुसलमान
عن سيدنا أنس رضي الله عنه أنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: السباق (أقوامهم إلى الإسلام) أر…
एक मोमिन की ज़िंदगी पर नमाज़ का बड़ा असर
हज़रत मौलाना मुहम्मद इल्यास साहिब रह़िमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फरमाया: हमारे नज़दीक इस्लाह की तर…
सो (१००) हाजतो का पूरा करना
हजीर जाबिर (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो व्यक…
हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु के ग़ुस्ल में हज़रत साद बिन-अबी वक़्क़ास और हज़रत अब्दुल्लाह बिन-उमर रद़ियल्लाहु अन्हुम की शिरकत
لما توفي سيدنا سعيد بن زيد رضي الله عنه، كان سيدنا سعد بن أبي وقاص وسيدنا عبد الله بن عمر رضي الله …
ज़कात की सुन्नतें और आदाब – १
ज़कात इस्लाम के पांच बुनियादी अरकान में से एक अहम रुकन है। ज़कात सन २ हिजरी में रमज़ान के रोज़े से प…
નવા લેખો
हज़रत सईद बिन ज़ैद (रद़ियल्लाहु अन्हु) के लिए जन्नत की खुशखबरी
एक मर्तबा रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम) हज़रत सईद बिन ज़ैद (रद़ियल्लाहु अन्हु) के बारे में इर्शाद फ़रमाया: سعيد في الجنة (أي: هو ممن بشّر بالجنة في الدنيا) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٤٧) सईद जन्नत में होंगे (यानि वह उन लोगों में से हैं जिन्हें इस दुनिया में जन्नत की खुशखबरी दी …
और पढ़ो »फज़ाइले-आमाल – ३१
हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम का सहाबा रद़ियल्लाहु अन्हुम से दो शख्सों के बारे में सवाल नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की ख़िदमत में कुछ लोग हाजिर थे कि एक शख्स सामने से गुज़रा। हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने दर्याफ़्त फ़रमाया कि तुम लोगों की इस शख्स के बारे में क्या …
और पढ़ो »क़ुरान-मजीद खत्म करने के बाद सूरह-बक़रह की पहेली पांच आयतें पढना
सवाल – क्या क़ुरान-मजीद पूरा करने के बाद सूरह-बक़रह की पहली पांच आयतें पढ़ना दुरूस्त है? उत्तर: हां, यह दुरूस्त है। हदीस-शरीफ़ में आया है कि जब कोई शख़्स क़ुराने-मजीद खत्म करते हुए सूरह-नास तक पहुँच जाए, तो उसे क़ुराने-करीम फिर से शुरू करना चाहिए और सूरह-फ़ातिहा और सूरह-बक़रह की …
और पढ़ो »तमाम अहम काम और तमाम फ़िक्र
عن أبي بن كعب رضي الله عنه قال قلت يا رسول الله إني أكثر الصلاة عليك فكم أجعل لك من صلاتي ؟...
और पढ़ो »
Alislaam.com – اردو हिन्दी ગુજરાતી