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हज़रत उम्मे-सलमह रद़ियल्लाहु अन्हा की हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु को अपनी नमाज़े-जनाज़ा पढ़ाने की वसीयत

أوصت أم المؤمنين السيدة أم سلمة رضي الله عنها أن يصلي عليها سعيد بن زيد رضي الله عنه (مصنف ابن أبي شيبة، الرقم: ١١٢٩٩) रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की ज़ौजा-ए-मुहतरमा हज़रत उम्मे-सलमह रद़ियल्लाहु अन्हा ने वसीयत की थी कि उन की वफ़ात के बाद हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु उन …

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फज़ाइले-आमाल – ३३

सरीयतुल-अम्बर में फ़क़र की हालत नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने रजब सन् ०८ हिजरी में समुन्दर के किनारे एक लश्कर तीन सौ आदमियों का जिन पर हज़रत अबू-उबैदा रद़ियल्लाहु अन्हु अमीर बनाये गए थे, भेजा । हुज़ूरे-अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने एक थैली में खजूरों का तोशा भी दिया। …

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तजीयत की सुन्नतें और आदाब – 1

मुसीबतज़दा लोगों के साथ ताज़ियत (संवेदना व्यक्त करना) इस्लाम एक सम्पूर्ण और व्यापक जीवन-प्रणाली है। इसमें इंसान की हर ज़रूरत का ख़याल रखा गया है। इसलिए इस्लाम ने हमें केवल यह नहीं सिखाया कि हम इंसान के साथ उसकी ज़िन्दगी में भलाई और अच्छा व्यवहार कैसे करें, बल्कि यह भी …

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