हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह़िमहुल्लाह) ने एक बार इर्शाद फ़रमाया: फर्ज़ के अलावा जो नमाज़ है, उन के मुताल्लिक (बारे में), सलफ़ (पेहले बुज़ुर्गो) में यही मामूल था कि घर पर पढ़ते थे, और फी-नफ्सिही इसमें फ़ज़ीलत है; मगर एक जमाअत ऐसी पैदा हो गई कि वो मुअक्कद-नमाज़ की …
और पढ़ो »मुअक्कद-सुन्नत को मस्जिद में पढ़ना
हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह़िमहुल्लाह) ने एक बार इर्शाद फ़रमाया: फर्ज़ के अलावा जो नमाज़ है, उन…
हज़रत अब्दुर्रह़मान बिन औफ़ रद़ियल्लाहु अन्हु की सखावत
أوصى سيدنا عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه لكل من شهد بدرا بأربعمائة دينار، فكانوا مائة رجل (كان مائة…
दुरूद शरीफ़ पढ़ने से सदक़े का षवाब
عن أبي سعيد الخدري رضي الله عنه عن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: أيما رجل مسلم لم تكن عنده صدقة …
पुल-सिरात पर मदद
عن عبد الرحمن بن سمرة رضي الله عنه قال: خرج علينا رسول الله صلى الله عليه وسلم فقال: إني رأيت البارح…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की ज़बाने-मुबारक से हज़रत अब्दुर्रह़मान बिन औफ़ रद़ियल्लाहु अन्हु की तारीफ़
شكا سيدنا عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه رجلا يؤذيه إلى رسول الله صلى الله عليه وسلم. فقال رسول الله…
નવા લેખો
हज़रत अब्दुर्रह़मान बिन औफ़ रद़ियल्लाहु अन्हु की सखावत
أوصى سيدنا عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه لكل من شهد بدرا بأربعمائة دينار، فكانوا مائة رجل (كان مائة من أهل بدر أحياء عند وفاته). وكذلك أوصى بخمسين ألف دينار فِي سبيل اللّه. (من أسد الغابة ٣/٣٨٠) हज़रत अब्दुर्रह़मान बिन औफ़ (रद़ियल्लाहु अन्हु) ने अपनी वफ़ात से पहले वसीयत …
और पढ़ो »मर्द के लिए चांदी का कंगन पहनना
सवाल- मैं जानता हूं कि मर्द के लिए चांदी की अंगूठी पहनना जायज़ है, लेकिन क्या मर्द के लिए चांदी का कंगन पहनना जायज़ है? जवाब- यह जायज़ नहीं है। मर्द के लिए सिर्फ एक चांदी की अंगूठी पहनना जायज़ है, जो एक मिस्काल से ज़्यादा न हो (यानी 4.374 …
और पढ़ो »फज़ाइले-सदकात – २४
हज़रत आइशा रद़ियल्लाहु अन्हा की सखावत हज़रत मुन्कदिर रह़िमहुल्लाह एक मर्तबा हज़रत आइशा रद़ियल्लाहु अन्हा की खिदमत में हाज़िर हुए और अपनी सख़्त हाजत का इज़हार किया, उन्होंने फरमाया कि मेरे पास इस वक़्त बिल्कुल कुछ नहीं है, अगर मेरे पास दस हज़ार भी होते तो सब के सब तुम्हें …
और पढ़ो »दुरूद शरीफ़ पढ़ने से सदक़े का षवाब
عن أبي سعيد الخدري رضي الله عنه عن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: أيما رجل مسلم لم تكن عنده صدقة فليقل في دعائه: اللهم صل على محمد عبدك ورسولك وصل على المؤمنين والمؤمنات والمسلمين والمسلمات...
और पढ़ो »