निकाह की सुन्नतें और आदाब – १२

निकाह के मसाईल

निकाह की सिह्हत

(१) निकाह के सहीह होने के लिए शर्त यह है के निकाह के वक़्त कम से कम दो बालिग़ मुसलमान मर्द गवाह मौजूद हों या एक बालिग़ मुसलमान मर्द और दो बालिग़ मुसलमान औरतें गवाह मौजूद हों, जो दुल्हा और दुल्हन (तथा उन दोनों के वलील) के इजाबो क़बूल के अल्फ़ाज़ सुनें.

अगर निकाह के वक़्त कोई गवाह मौजूद न हों तथा सिर्फ़ एक गवाह मौजूद हो, तो निकाह नहीं होगा.

(२) अगर दुल्हा और दुल्हन (तथा दोनों के वकील) अलग अलग जगहों पर हों और उन के लिए एक ही जगह पर जमा होना मुशकिल हो, तो दुल्हन को चाहिए के वह किसी को अपना वकील बना दे और उस को अपना निकाह पढ़ाने की इजाज़त दे दे. जब वकील उस की तरफ़ से निकाह क़बूल कर ले, तो निकाह सहीह हो जाएगा. [१]

(३) गुप्त निकाह पढ़ाना सुन्नत के ख़िलाफ़ है. इस प्रकार के निकाह से मर्दो औरत के मुतअल्लिक़ लोगों के ज़हनों में शुकूको शुब्हात (संदेह) पैदा होते हैं.

जब लोग मर्दो औरत को साथ देखेंगे, तो वह उन को अजनबी समझ कर उन पर नाजाईज़ तअल्लुक़ात की बदगुमानी करेंगे, इस वजह से शरीअत ने इस प्रकार के गुप्त निकाह से मनअ किया है.

नीज़ गुप्त निकाह पढ़ाने से बहोत से मसाईल में पैचीदगी (जटिलता) पैदा हो सकती हैं, क्युंकि लोगों को मालूम नहीं है के यह मर्दो औरत शादी शुदा हैं.

निम्नलिखित मसाईल में पैचीदगी (जटिलता) पैदा हो सकती हैः

(१) विराषत

(२) इद्दत

(३) बच्चों के नसब

(४) बिवीयों के दरमियान बराबरी करना (इस सूरत में जब मर्द के पास एक से अधिक बिवी हों).

इन तमाम मसाईल में बहोत सी अलझनें पैदा हो सकती हैं.

(४) अगर लड़की बालिग़ा हो, तो उस के वली के लिए ज़रूरी है के वह उस का निकाह कराने से पेहले उस की इजाज़त तलब करे. वली से मुराद लड़की का बाप है अगर लड़की का बाप न हो तो लड़की का वली वह आदमी है जो उस के ऊमूर का ज़िम्मेदार है उस के क़रीब महरम रिश्ते दारो में से.

(५) इस्लाम की तालीम यह है के निकाह के मामले में लड़की को चाहिए के वह अपने वालिदैन से मश्वरा करे और निकाह का फ़ैसला वालिदैन ही के हाथ में छोड़े. यह बात शर्मो हया के ख़िलाफ़ है के लड़की ख़ुद अपने लिए जोड़ा तलाश करे.

सामान्य तौर पर निकाह के मामले में वालिदैन को बच्चों से ज़्यादा तजर्रबा होता है और वह शादी ब्याह से संबंधित ऊमूर को ख़ूब अच्छी तरह समझते हैं, लिहाज़ा अगर लड़की के वालिदैन इस मामले में फ़ैसला करे, तो इस बात का इमकान बहोत कम है के आईन्दा लड़की के निकाह में मुश्किलात और दुश्वारियां पैदा होंगी.

 


[१]

Check Also

इद्दत की सुन्नतें और आदाब – २

 शौहर की वफात के बाद बीवी की इद्दत के हुक्म (१) जब किसी औरत के …