तमाम तक्लीफ घटाने की तदबीर

एक साहब ने एक घरेलू मामले के संबंध में अर्ज़ किया कि इससे हजरत (हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी रह़िमहुल्लाह) को तक्लीफ़ हुई होगी।

हज़रत वला (हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी रह़िमहुल्लाह) ने फ़र्माया:

नहीं साहब! मुझे कुछ तकलीफ नहीं हुई.अल्लाह तआला का लाख लाख शुकर है कि उसने मुझ को एक ऐसी चीज दी है कि उसके सबब से मुझ को किसी ऐसी बात से तकलीफ़ नहीं होती।

जहाँ यह सोचा कि इसमें सवाब होगा, बस सारी तकलीफ घुल जाती है, फिर कुछ तकलीफ नहीं रहती। (मलफुज़ाते-हकीमुल-उम्मत, जिल्द: १०, पेज नंबर: २८०)

Check Also

बुज़्रगाने-दीन के नक्शेकदम पर चलने की खुब कोशिश करना

शैखुल-हदीस हज़रत मौलाना मुह़म्मद ज़कारिया रह़िमहुल्लाह ने एक बार इर्शाद फ़रमाया: अकाबिर के नक्शेकदम पर …