हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खुसूसी दुआ

गज़व-ए-उह़ुद में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए खुसूसी दुआ फ़रमाई।

आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया:

ارم فداك أبي وأمي

तीर चलाओ! मेरे मां-बाप तुम पर कुर्बान!

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लिए हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की पहरेदारी

हज़रत ‘आइशा रदि अल्लाहु ‘अन्हा बयान करती हैं:

मदीना मुनव्वरा हिजरत करने के बाद एक मर्तबा रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को रात में (दुश्मन के हमले के खौफ से) नींद नहीं आ रही थी, तो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया कि काश कि कोई परहेज़गार, मुत्तकी़ शख्स होता जो मेरे लिए आज रात पहरेदारी करता।

हम उसी हालत में थे कि हम ने हथियारों की आवाज़ सुनी, रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने पूछा: कौन है? उस शख्स ने जवाब दिया: सअ्द बिन अबी वक्कास।

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उन से पूछा: तुम यहां क्यूं आए हो? हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु ने जवाब दिया: ऐ अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम! मुझे आपकी जान के बारे में खौफ पैदा हुआ, इसलिए मैं आप की पहरेदारी के लिए आया हूं।

यह सुनकर रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनके लिए दुआ फ़रमाई और सो गए।

एक दूसरी रिवायत में हज़रत ‘आइशा रदि अल्लाहु ‘अन्हा बयान करती हैं कि सहाबा ए किराम रदि अल्लाहु ‘अन्हुम रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पहरेदारी किया करते थे; यहां तक कि कुरान मजीद की निम्नलिखित आयत नाज़िल हुई:

وَاللّٰہُ یَعۡصِمُکَ مِنَ النَّاسِ ؕ

और अल्लाह त’आला लोगों के (शर) से बचाएगा।

(शर=बुराई,शरारत,फित्ना,फसाद, खराबी)

जब क़ुरान मजीद की यह आयत नाज़िल हुई, तो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने सहाबा ए किराम रदि अल्लाहु ‘अन्हुम से फ़रमाया: ऐ लोगो! चले जाओ; कियूंकि अल्लाह त’आला ने फ़रमाया कि अल्लाह त’आला खुद मेरी हिफाज़त फरमाएंगे।

Check Also

हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – हब्शियों में सबसे पहले मुसलमान

عن سيدنا أنس رضي الله عنه أنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: …