सवाल – रमज़ान के आख़री अशरे में अगर किसी मोअतकिफ़ का रोज़ा टूट जाए, तो क्या उस का सुन्नत एतेकाफ़ भी टूट जाएगा? अगर उस का सुन्नत एतेकाफ़ भी टूटेगा, तो क्या उस पर टूटे हुवे एतेकाफ़ की क़ज़ा लाज़िम होगी?
जवाब – हां, उस का सुन्नत एतेकाफ़ भी टूट जाएगा और उस के ज़िम्मे मात्र एक दिन के एतेकाफ़ की क़ज़ा लाज़िम होगी (यअनी जिस दिन का एतेकाफ़ टूटा है सिर्फ़ उस दिन की क़ज़ा उस पर लाज़िम है).
नोट:- वाज़िह रहे के एतेकाफ़ के एक दिन की क़ज़ा करने में ज़रुरी है के आदमी सूरज के ग़ुरूब होने के वक़्त से दूसरे दिन सूरज के ग़ुरूब होने के वक्त तक मस्जिद में बैठा रहे एतेकाफ़ कि क़ज़ा कि निय्यत के साथ, तथा उस दिन में आदमी पर रोज़ा रखना भी ज़रुरी है.
अल्लाह तआला ज़्यादा जानने वाले हैं.
दारूल इफ़्ता, मद्रसा तालीमुद्दीन
इसिपिंगो बीच, दरबन, दक्षिण अफ्रीका
Source: