हज़रत अब्दुल्लाह बिन मस्ऊद रज़ियल्लाह अन्हु ने एक बार फ़र्माया: أخلائي من هذه الأمة ثلاثة: أبو بكر وعمر وأبو عبيدة بن الجراح رضي الله عنهم (فضائل الصحابة لأحمد بن حنبل، الرقم: ١٢٧٧) इस उम्मत में मेरे तीन खास दोस्त हैं: अबू-बक्र, उमर और अबू-उबैदह। हज़रत अबू-बक्र रज़ियल्लाहु अन्हु की नज़र …
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फज़ाइले-सदकात – १५
‘उलमा-ए-आख़िरत की बारह अलामात दसवीं अलामत: दसवीं अलामत यह है कि उसका ज़्यादा एहतिमाम उन मसाइल से हो जो आमाल से ताल्लुक रखते हों, जायज़ नाजायज़ से ताल्लुक रखते हों, फुलां अमल करना ज़रूरी है। इस चीज़ से फुलां अमल ज़ाया (बर्बाद) हो जाता है। (मसलन फ़ुलां चीज़ से नमाज़ …
और पढ़ो »एक हज़ार दिन तक सत्तर फरिश्तों का सवाब लिखना
عن ابن عباس رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم من قال جزى الله عنا محمدا بما هو أهله أتعب سبعين كاتبا ألف صباح (الطبراني في الأوسط رقم ٢٣٥ )
हज़रत इब्ने अब्बास (रज़ि.) हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) का इरशाद नक़ल करते हैं के जो शख़्स ये दुआ करें...
और पढ़ो »बुज़्रगाने-दीन के नक्शेकदम पर चलने की खुब कोशिश करना
शैखुल-हदीस हज़रत मौलाना मुह़म्मद ज़कारिया रह़िमहुल्लाह ने एक बार इर्शाद फ़रमाया: अकाबिर के नक्शेकदम पर चलने की खूब कोशिश करो. इसमें मैंने बहुत बरकत देखी हैं.’ हज़रत गंगोही रह़िमहुल्लाह को मैंने खूब देखा। उसके बाद चार अकाबिर: हज़रत सहारनपुरी, हज़रत थानवी, हज़रत रायपुरी, हज़रत कांधलवी (हज़रत मौलाना मुह़म्मद इलियास साहब) …
और पढ़ो »रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की सिफ़ारिश
عَن رُوَيفِع بْنِ ثَابِت الأنصَارِي رَضِيَ اللهُ عَنهُ أًنَّ رَسُولَ اللهِ صَلَّى اللهُ عَلَيهِ وَسَلَّمَ قَالَ مَنْ صَلَّى عَلَى مُحَمَّدٍ وَقَالَ اَلَّلهُمَّ أَنْزِلْهُ المقعَدَ المقَرَّبَ عِنْدَكَ يَومَ القِيَامَة وَجَبَتْ لَهُ شَفَاعَتِي (مسند أحمد)
हज़रत रूवयफ़अ बिन अंसारी (रज़ि.) से रिवायत है के...
और पढ़ो »धरती के मुख पर चलता-फिरता शहीद
रसूलु-ल्लाह सल्ल-ल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने एक बार फ़रमाया: من سره أن ينظر إلى شهيد يمشي على وجه الأرض فلينظر إلى طلحة بن عبيد الله (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٣٩) “जो कोई किसी शहीद को ज़मीन के मुख पर चलते हुए देखना चाहता है, वह तल्हा बिन उबैदुल्लाह को देखे।” हज़रत तल्हा …
और पढ़ो »फज़ाइले-सदकात – १४
‘उलमा-ए-आख़िरत की बारह अलामात नवीं अलामत: नवीं अलामत यह है कि उसकी हर हरकत व सुकून से अल्लाह जल्ल शानुहू का ख़ौफ़ टपकता हो। उसकी अज़मत व जलाल और हैबत का असर उस शख़्स की हर अदा से ज़ाहिर होता हो, उसके लिबास से, उसकी आदात से, उसके बोलने से, …
और पढ़ो »अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम के सबसे ज़्यादा प्यारे लोग
سأل سيدنا عمرو بن العاص رضي الله عنه ذات مرة فقال: يا رسول الله، أي الناس أحبّ إليك؟ قال صلى الله عليه وسلم: عائشة قال: من الرجال (من أحبّ إليك)؟ قال: أبو بكر قال: ثم من؟ قال: عمر قال: ثم من؟ قال: أبو عبيدة بن الجراح (صحيح ابن حبان، الرقم: …
और पढ़ो »क़यामत की निशानियां – क़िस्त ६
दज्जाल के दस जिस्मानी और इन्सानी लक्षण मुबारक हदीस में नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने उम्मत के सामने दज्जाल के जिस्मानी और इन्सानी औसाफ़ बयान फ़र्माए हैं। रसूले-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम का दज्जाल के जिस्मानी और इन्सानी औसाफ़ को बयान करना इस हकीक़त की तरफ इशारा करता है कि दज्जाल …
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