हज़रत ज़ुबैर रद़िय अल्लाहु अन्हू ने अपने बेटे अब्दुल्लाह से फरमाया: ما مني عضو إلا وقد جرح مع رسول الله صلى الله عليه وسلم (مجاهدا في سبيل الله) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٤٦) मेरा कोई उज़्व (शरीर का कोई भाग) एसा नहीं है, जो ज़ख़्मी न हुआ हो जंग में रसूलुल्लाह …
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