Monthly Archives: October 2024

बागे-मुहब्बत (तैंतीसवाँ एपिसोड)

नेक,सालेह आलिम से मशवरा करने की अहमियत “हर फन में उसके माहिर लोगों से मशवरा तलब करना” एक उसूल और ज़ाब्ता है, जो आम तौर पर बयान किया जाता है और जिंदगी के तमाम मरहलों में उस पर अमल किया जाता है। मिसाल के लिए, सोचें कि एक शख़्स अपने …

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फज़ाइले-आमाल – १४

हज़रत उमर रद़िय अल्लाहु अन्हू की हालत हजरत उमर रद़िय अल्लाहु अन्हू बसा औकात (कभी-कभी) एक तिन्का हाथ में लेते और फ़रमाते: काश, मैं यह तिन्का होता. कभी फ़रमाते: काश, मुझे मेरी माँ ने जना ही न होता। एक मर्तबा किसी काम में मश्गुल थे, एक शख्स आया और कहने …

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फज़ाइले-आमाल – १३

हज़रत अबूबक्र रद़िय अल्लाहु अन्हू पर अल्लाह का डर हज़रत अबूबक्र सिद्दीक़ रद़िय अल्लाहु अन्हू जो ब-इज्मा-ए-अहले सुन्नत (तमाम सुन्नत वाले जिस पर एक राय है) अम्ब्यिा अलैहिमुस्सलाम के अलावा तमाम दुनिया के आदमियों से अफ़ज़ल हैं और उनका जन्नती होना यक़ीनी है कि खुद हुजूरे-अक़्दस सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम ने …

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