Monthly Archives: October 2024

फज़ाइले-आमाल – १५

मुसलमानों की हब्शा की हिजरत और शिबे-अबी-तालिब में कैद होना मुसलमानों को और उनके सरदार फ़ख्रे दो आलम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम को जब कुफ़्फ़ार से तकालीफ़ पहुंचती ही रही और आए दिन उनमें बजाए कमी के इजाफ़ा ही होता रहा तो हुजूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने सहाबा रद़िय अल्लाहु …

और पढ़ो »

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम को दुरूद पहोंचाने वाला फ़रिश्ता

عن عمار بن ياسر رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: إن الله وكل بقبري ملكا أعطاه الله أسماء الخلائق فلا يصلي علي أحد إلى يوم القيامة إلا أبلغني باسمه واسم أبيه هذا فلان بن فلان قد صلى عليك (رواه البزار كما في الترغيب والترهيب، الرقم: …

और पढ़ो »

हज़रत ज़ुबैर रद़िय अल्लाहु अन्हु से नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की रज़ामंदी

حدّد سيدنا عمر رضي الله عنه قبل موته ستة من الصحابة الكرام رضي الله عنهم وأمرهم باختيار الخليفة من بينهم، وكان منهم سيدنا الزبير رضي الله عنه. قال سيدنا عمر رضي الله عنه عنهم: ما أجد أحدا أحق بهذا الأمر من هؤلاء النفر الذين توفي رسول الله صلى الله عليه …

और पढ़ो »

इत्तेबाए सुन्नत का एहतेमाम – ७

शेखुल-इस्लाम हजरत मौलाना हुसैन अहमद मदनी रह़िमहुल्लाह शेखुल-इस्लाम हज़रत मौलाना हुसैन अहमद मदनी रह़िमहुल्लाह एक सैय्यद थे, यानी आप अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम के खानदान में से थे और जलीलुल-क़द्र आलिमे-दीन थे। आप १२९६ हिजरी (सन ईस्वी १८७९) में पैदा हुए और ८१ साल की उम्र में १३७७ …

और पढ़ो »

दुवा की सुन्नतें और आदाब – ५

(१) दुआ के शुरू में अल्लाह तआला की ह़म्द-ओ-सना बयान करें और उस के बाद नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम पर दुरूद भेजें, फिर इन्तिहाई आजिज़ी-व-ख़ाकसारी और अदब-ओ-आदर के साथ अल्लाह तआला के सामने अपनी ज़रूरतें पेश करें। हज़रत फ़ुज़ाला बिन उबैदुल्लाह रद़िय अल्लाहु अन्हू फ़रमाते हैं कि एक मर्तबा रसूलुल्लाह …

और पढ़ो »

हज़रत ज़ुबैर रद़िय अल्लाहु अन्हू का अल्लाह तआला की राह में ज़ख़्मी होना

हज़रत ज़ुबैर रद़िय अल्लाहु अन्हू ने अपने बेटे अब्दुल्लाह से फरमाया: ما مني عضو إلا وقد جرح مع رسول الله صلى الله عليه وسلم (مجاهدا في سبيل الله) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٤٦) मेरा कोई उज़्व (शरीर का कोई भाग) एसा नहीं है, जो ज़ख़्मी न हुआ हो जंग में रसूलुल्लाह …

और पढ़ो »

मस्जिद में प्रवेश करते और बाहर निकलते समय दुरूद पढ़ना

عن أبي حميد أو أبي أسيد الأنصاري رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم إذا دخل أحدكم المسجد فليسلم على النبي صلى الله عليه وسلم ثم ليقل اللهم افتح لي أبواب رحمتك فإذا خرج فليقل اللهم إني أسألك من فضلك (سنن أبي داود، الرقم: 465، وسكت …

और पढ़ो »

फज़ाइले-सदकात – ९

‘उलमा-ए-आख़िरत की बारह अलामात चौथी अलामत: चौथी अलामत आख़िरत के उलमा की यह है कि खाने पीने की और लिबास की उम्दगियों और बेहतराईयों की तरफ मुतवज्जह न हो, बल्कि इन चीज़ों में दरमियानी रफ़्तार इख़्तियार करे और बुजुर्गों के तर्ज़ को इख़्तियार करे। इन चीज़ों में जितना कमी की …

और पढ़ो »

ख़ानक़ाही लाइन में राहज़न चीजें

हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी रह़िमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फरमाया: मैं खैर ख्वाही से अर्ज़ करता हूँ, सब सुन लें। याद रखने की बात है कि इस तरीक़ में दो चीजें तालिब के लिए राहज़न और कातिल ज़हर हैं। एक: तावील अपनी गलती की और दूसरी: अपने मुअल्लिम (पीर,शेख,हज़रत) …

और पढ़ो »

हजरत ज़ुबैर रद़िय अल्लाहु अन्हू की दरियादिली

حدثني مغيث بن سمي قال: كان للزبير بن العوام رضي الله عنه، ألف مملوك يؤدي إليه الخراج فلا يدخل بيته من خراجهم شيئا (السنن الكبرى، الرقم: 15787) मुग़ीस बिन सुमय रहिमहुल्लाह कहते हैं: हज़रत ज़ुबैर रद़िय अल्लाहु अन्हू के एक हज़ार गुलाम थे, जो कमाते थे और अपनी कमाई हज़रत …

और पढ़ो »