हज़रत खब्बाब बिन अल-अरत्त रद़ियल्लाहु ‘अन्हु की तकलीफ़ें हज़रत खब्बाब बिन अल-अरत्त रद़ियल्लाहु ‘अन्हु भी उन्हीं मुबारक हस्तियों में हैं, जिन्होंने इम्तिहान के लिए अपने आप को पेश किया था और अल्लाह के रास्ते में सख्त से सख्त तक्लीफ़ें बर्दाश्त की। शुरू ही में पांच-छः आदमियों के बाद मुसलमान हो …
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फज़ाइले-आमाल – ५
हज़रत अबूज़र ग़िफ़ारी का इस्लाम हजरत अबू ज़र गिफ़ारी रद़ियल्लाहु ‘अन्हु मशहूर सहाबी हैं, जो बाद में बड़े जाहिदों और बड़े उलेमा में से हुए। हज़रत अली कर्रमल्लाहु वज्हहू का इर्शाद है कि अबूजर (रद़ियल्लाहु ‘अन्हु) ऐसे इल्म को हासिल किए हुए हैं, जिससे लोग आजिज़ हैं, मगर उन्होंने इसको …
और पढ़ो »रसूलुल्लाह सल्लल्लाह अलैही व-सल्लम की तरफ से हज़रत सा’द रदि अल्लाहु अन्हू के लिए जन्नत की खुश्खबरी
एक बार रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने अपने सहाबा ए किराम रदि अल्लाहु अन्हुम को मुखातिब करते हुए फरमाया: يطلع عليكم الآن رجل من أهل الجنة، فطلع سيدنا سعد بن أبي وقاص رضي الله عنه (مسند أحمد، الرقم: ١٢٦٩٧، مسند البزار، الرقم: ٦٨٣٦) अभी तुम्हारे सामने एक ऐसा व्यक्ति आयेगा …
और पढ़ो »फज़ाइले-सदकात – ४
सिला-रहमी हज़रत अब्दुल्लाह बिन अबी औफा रज़ि० फरमाते हैं कि हम शाम को हुज़ूरे अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ख़िदमत में हल्के के तौर पर चारों तरफ बैठे थे। हुजूर सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम ने फरमाया कि मज्मे में कोई शख़्स कता-रहमी करने वाला हो तो वह उठ जाए, हमारे …
और पढ़ो »फज़ाइले सदकात – ३
कुर्दी का किस्सा कुर्द एक कबीले का नाम है, उसमें एक शख़्स मशहूर डाकू था। वह अपना किस्सा बयान करता है कि मैं अपने साथियों की एक जमाअत के साथ डाके के लिए जा रहा था। रास्ते में हम एक जगह बैठे थे। वहां हमने देखा कि खजूर के तीन …
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