عن عمار بن ياسر رضي الله عنه قال : قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : إن لله ملكا أعطاه أسماع الخلائق، فهو قائم على قبري إذا مت، فليس أحد يصلي علي صلاة إلا قال : يا محمد صلى عليك فلان ابن فلان...
और पढ़ो »Monthly Archives: June 2022
अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर की ज़िम्मे दारी – प्रकरण २
अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर करने वालों की महान फ़ज़ीलत और बुलंद मर्तबा दुनिया में हमारा मुशाहदा है के कोई भी मज़हब तथा दीन सिर्फ़ उसी सूरत में बाक़ी रेह सकता है और फैल सकता है, जब उन के लोगों में से कोई जमाअत हो जो उस मज़हब …
और पढ़ो »आधी रात के बाद तरावीह पढ़ने का हुकम
सवाल – क्या हम आधी रात के बाद तरावीह की नमाज़ पढ़ सकते हैं?
और पढ़ो »तजवीद के क़वाईद की रिआयत के साथ क़ुर्आने करीम पढ़ना
सवाल – क्या तरावीह की नमाज़ में क़ुर्आन की तिलावत को तजवीद के साथ पढ़ना ज़रूरी है? बसा अवक़ात जलदी पढ़ने की वजह से तिलावत तजवीद के साथ नहीं होती है?
और पढ़ो »इमाम के अवसाफ़ (२)
सवाल – एक आदमी हाफ़िज़े क़ुर्आन है, उस के बारे में मालूम है के वह ग़लत सलत कामों में मुब्तला है, अपने मामूलात में वह बड़ा घोके बाज़ है और वह नशा आवर चीज़ों को इस्तेमाल करता है, तो क्या एसे आदमी को फ़र्ज़ नमाज़ अथवा तरावीह की नमाज़ के …
और पढ़ो »इमाम के अवसाफ़ (१)
सवाल – इमाम बनने के लिए (यअनी लोगों की इमामत करने के लिए) आदमी में कोनसे अवसाफ़ (गुणवत्ता) होना चाहिए?
और पढ़ो »तरावीह की नमाज़ चार चार तथा छ छ रकअत कर के पढ़ना
सवाल – एक इमाम साहब ने रमज़ान के महीने में बीस रकआत तरावीह की नमाज़ पढ़ाई. तरावीह के दौरान इमाम साहब तशह्हुद में बैठे बग़ैर तीसरी रकअत के लिए खड़े हो कर चार रकआत के साथ नमाज़ को मुकम्मल कर ली, तो क्या तरावीह की यह चार रकआत दुरूस्त हुई. …
और पढ़ो »क़यामत की अलामात (संकेत) – दूसरा प्रकरण
उम्मत के सामने क़यामत की अलामत को बयान करने का मक़सद हज़रत रसूले ख़ुदा (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने अपनी उम्मत को क़यामत की बहोत सी छोटी और बड़ी अलामतों से आगाह किया है. उन में बहोत सी छोटी अलामतें गुज़िश्ता सदियों में ज़ाहिर हो चुकी हैं और बहोत सी छोटी …
और पढ़ो »हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – १०
इज़तिबाअ और रमल उमरह के तवाफ़ में मर्द इज़तिबाअ और रमल करेगा. इज़तिबाअ यह है के तवाफ़ करने वाला मर्द एहराम की चादर को दायीं बग़ल में से निकाल कर बायें कंधे पर ड़ालेगा और दाहना कंधा खुला छोडेगा. पूरे तवाफ़ में (यअनी सातों चक्करो में) मर्द इज़तिबाअ करेगा. और …
और पढ़ो »हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – ९
उमरे के तवाफ़ का तरीक़ा जब आप मस्जिदुल हराम पहोंचें, तो मस्जिद में दाख़िल होने की मस्नून दुआ पढ़ें फिर उमरह के लिए आगे बढ़ें. दो रकअत तहिय्यतुल मस्जिद न पढ़ें जैसा के आप दूसरी मस्जिदों में दाख़िल होने के बाद पढ़ते है, बलके सीघे तवाफ़े उमरह के लिए जाए, …
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