सवाल – क्या रमज़ान के महीने से पेहले सदक़ए फ़ित्र अदा करना जाईज़ है?
और पढ़ो »रमज़ान के महीने में सदक़ए फ़ित्र अदा करना
सवाल – क्या रमज़ान के महीने के दौरान सदक़ए फ़ित्र अदा करना जाईज़ है?
और पढ़ो »सदक़ए फ़ित्र ज़कात के निसाब के बराबर देना
सवाल – अगर कोइ शख़्स किसी ग़रीब आदमी को इतना ज़्यादा सदक़ए फ़ित्र दे के दी हुई रक़म ज़कात के निसाब को पहुंच जाए, तो क्या यह जाइज़ है?
और पढ़ो »एसे नाबालिग पर सदक़ए फ़ितर जिस को सुबह सादिक से पेहले माल हासिल हो
सवाल – क्या एसे नाबालिग़ पर सदक़ए फ़ितर वाजिब होगा, जिस को सुबह सादिक़ से पेहले ज़कात के निसाब के बराबर माल हासिल हुवा हो?
और पढ़ो »सदक़ए फ़ित्र में गेहुं और जौ की क़ीमत अदा करना
सवाल – क्या सदक़ए फ़ित्र की अदायगी के लिए गेहुं और जौ ही देना ज़रूरी है या इन दोनों की क़ीमत देना भी जाईज़ है?
और पढ़ो »कई लोगों के सदक़ए फ़ित्र की रक़म एक शख़्स को देना
सवाल – क्या चंद लोगों के लिए जाईज़ है के वह अपने सकद़ए फ़ित्र की रक़म एक ग़रीब शख़्स को दे?
और पढ़ो »सदक़ए फ़ित्र की रक़म कई ग़रीबों में वितरण करना
सवाल – क्या एक शख़्स के लिए जाईज़ है के वह अपने सदक़ए फ़ित्र की रक़म दो या दो से ज़्यादह ग़रीबों में तक़सीम करे?
और पढ़ो »सदक़ए फ़ितर का निसाब
सवाल – एक शख़्स के पास निसाब के बराबर नक़द माल नहीं है, मगर उस के पास अधिक कपड़े और ज़ाईद बरतन हैं जिन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, मगर उन की क़ीमत ज़कात के निसाब के बराबर पहोंचती है, तो क्या उस पर सदक़ए फ़ित्र वाजिब होगा?
और पढ़ो »सदक़तुल फ़ित्र का वुजूब
सवाल – सदक़तुल फ़ित्र किस पर वाजिब है?
और पढ़ो »ऐसे नाबालिग़ पर सदक़ए फ़ित्र जिस को ईद की सुबह से पेहले माल हासिल हो
सवाल – क्या ऐसे नाबालिग़ पर सदक़ए फ़ित्र वाजिब होगा, जिस को सुबह सादिक़ से पेहले ज़कात के निसाब के बराबर माल हासिल हुवा हो?
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