हज़रत अनस (रज़ि.) के दिल में रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की इतनी ज़्यादा मोहब्बत थी के उन्होंने अपने आप को नबीये करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के बग़ैर इस दुन्या में रेहने के क़ाबिल नहीं समझा...
और पढ़ो »नमाज़ में दुरूद शरीफ़
हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ि.) से रिवायत है के “रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने हमें तशह्हुद की दुआ (अत तहिय्यातुत तय्यिबातुज़ ज़ाकियातु अख़ीर तक) सिखाते थे (और उस के बाद फ़रमाते के तशह्हुद की दुआ पढ़ने के बाद) दुरूद शरीफ़ पढ़ना चाहिए.”...
और पढ़ो »फ़रिश्तों का नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ख़िदमत में दुरूदो सलाम पहोंचाना
“नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की उम्मत में से जो शख़्स भी नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) पर दुरूदो सलाम भेजता है, फ़रिश्ते उस को नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की ख़िदमत में पहोंचाते हैं और अर्ज़ करते हैं के फ़लां इब्ने फ़लां ने आप पर सलाम भेजा है और फ़लां इब्ने फ़लां ने आप पर दुरूद भेजा है.”...
और पढ़ो »जुम्आ के दिन कषरत से दुरूद शरीफ़ पढ़ने वाले के लिए नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की दुआ
हज़रत उमर बिन ख़त्ताब (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “रोशन रात और रोशन दिन में (जुम्आ की रात और जुम्आ के दिन) मुझ पर कषरत से दुरूद भेजो, क्युंकि तुम्हारा दुरूद मेरे सामने पेश किया जाता है, तो में तुम्हारे लिए दुआ और अस्तग़फ़ार करता हुं.”...
और पढ़ो »दुरूद शरीफ़ जमा करने के लिए फ़रिश्तों का दुनिया में सैर करना
हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (रज़ि.) से मरवी है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के "बेशक अल्लाह सुब्हानहु वतआला के बहोत से फ़रिश्ते हैं, जो ज़मीन में फिरते रेहते हैं और मुझे मेरी उम्मत का सलाम पहोंचाते हैं."...
और पढ़ो »जुमे के दिन दुरूद शरीफ़ पढ़ने की महान फ़ज़ीलत
सहाबए किराम (रज़ि.) के दिलों में रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की बे पनाह मोहब्बत...
और पढ़ो »दुआ से पेहले दुरूद शरीफ़ पढ़ना
हज़रत फ़ुज़ाला बिन उबैदुल्लाह (रज़ि.) फ़रमाते हैं के एक मर्तबा रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) मस्जिद में तशरीफ़ फ़रमाते थे के...
और पढ़ो »कोई चीज़ भूलने के वक़्त दुरूद शरीफ़ पढ़ना
عن أنس رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: إذا نسيتم شيئا فصلوا علي تذكروه إن شاء الله تعالى (أخرجه أبو موسى المديني بسند ضعيف كما في القول البديع صـ ٤٤۸) हज़रत अनस (रज़ि.) से रिवायत है के रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया …
और पढ़ो »मुलाक़ात के समय दुरूद शरीफ़ पढ़ना
हज़रत अनस (रज़ि.) से रिवायत है के नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “दो एसे मुसलमान जो सिर्फ़ अल्लाह तआला के वास्ते आपस में मुहब्बत करते हैं, जब वह एक दूसरे से मुलाक़ात करते हैं...
और पढ़ो »नबिए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम के मुबारक नाम के साथ दुरूद शरीफ़ लिखना
عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: من صلى علي في كتاب لم تزل الملائكة تستغفر له ما دام اسمي في ذلك الكتاب (المعجم الأوسط للطبراني، الرقم: ۱۸۳۵، وسنده ضعيف كما في كشف الخفاء، الرقم: ۲۵۱۸) हज़रत अबु हुरैरह रदि अल्लाहु ‘अन्हु से …
और पढ़ो »
Alislaam.com – اردو हिन्दी ગુજરાતી