(१) दुआ के शुरू में अल्लाह तआला की ह़म्द-ओ-सना बयान करें और उस के बाद नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम पर दुरूद भेजें, फिर इन्तिहाई आजिज़ी-व-ख़ाकसारी और अदब-ओ-आदर के साथ अल्लाह तआला के सामने अपनी ज़रूरतें पेश करें। हज़रत फ़ुज़ाला बिन उबैदुल्लाह रद़िय अल्लाहु अन्हू फ़रमाते हैं कि एक मर्तबा रसूलुल्लाह …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – ४
दुआ की क़ुबूलियत के समय अज़ान और जिहाद के वक्त हज़रत सहल बिन सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हू से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: दो वक्त की दुआ रद नहीं की जाती हैं या बहुत कम रद की जाती हैं: एक अज़ान के वक्त और दूसरी …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – ३
वो लोग जिनकी दुआ कुबूल होती है (१) मां-बाप, मुसाफिर और मज़लूम (पीड़ित) हज़रत अबू हुरैरा रदि अल्लाहु ‘अन्हु से रिवायत है कि हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: तीन दुआ ऐसी हैं कि वो ज़रूर कबूल की जाएगी: – बाप (या मां) की दुआ (उनकी अवलाद के …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – २
दुआ की फजी़लतें (१) मोमीन का हथियार हज़रत अली रदि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि हज़रत रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि दुआ मोमीन का हथियार, दीन का सुतून और आसमानों और जमीन का नूर है। (२) इबादत का मग़्ज़ हज़रत अनस रदि अल्लाहु अन्हु से …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – १
दुआ अल्लाह सुब्हानहु व ता’आला की बेशुमार नेमतों और ख़ज़ानों के हुसूल का ज़रिया है। अहादीसे मुबारका में दुआ की बहुत सी फ़ज़ीलतें वारिद हुई हैं। हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का इर्शाद है कि दुआ इबादत का मग़ज़ है। दूसरी हदीस शरीफ़ में नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व …
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