फज़ाइल आमाल

फज़ाइले-आमाल – ३५

सहाबा किराम रद़ियल्लाहु अन्हुम के तक़्वा के बयान में हज़रात सहाबा-ए-किराम रद़ियल्लाहु अन्हुम की हर आदत, हर खसलत इस क़ाबिल है कि उसको चुना जाए और उसका इत्तिबा किया जाए और क्यों न हो कि अल्लाह जल्ल शानुहू ने अपने लाडले और महबूब रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की मुसाहबत के …

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फज़ाइले-आमाल – ३४

शैतान का कौल है कि कलिमा-ए-तय्यिबा और इस्तिग़्फार ने मुझे हलाक कर दिया عن أبي بكر الصديق رضي الله عنه عن رسول الله صلى الله عليه وسلم: عليكم بلا إله إلا الله والاستغفار فأكثروا منهما فإن إبليس قال: أهلكت الناس بالذنوب وأهلكوني بلا إله إلا الله والإستغفار فلما رأيت ذلك …

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फज़ाइले-आमाल – ३३

सरीयतुल-अम्बर में फ़क़र की हालत नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने रजब सन् ०८ हिजरी में समुन्दर के किनारे एक लश्कर तीन सौ आदमियों का जिन पर हज़रत अबू-उबैदा रद़ियल्लाहु अन्हु अमीर बनाये गए थे, भेजा । हुज़ूरे-अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने एक थैली में खजूरों का तोशा भी दिया। …

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फज़ाइले-आमाल – ३१

हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम का सहाबा रद़ियल्लाहु अन्हुम से दो शख्सों के बारे में सवाल नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की ख़िदमत में कुछ लोग हाजिर थे कि एक शख्स सामने से गुज़रा। हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने दर्याफ़्त फ़रमाया कि तुम लोगों की इस शख्स के बारे में क्या …

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फज़ाइले-आमाल – ३०

हज़रत अबू-हुरैरह रद़ियल्लाहु अन्हु का भूख में मस्अला दर्याफ़्त करना हजरत अबू-हुरैरह रद़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं कि तुम लोग उस वक़्त हमारी हालतें देखते कि हम में से बाजों को कई-कई वक़्त तक इतना खाना नहीं मिलता था, जिससे कमर सीधी हो सके। मैं भूख की वजह से जिगर को …

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फज़ाइले-आमाल – ૨૮

हज़रत उमर फ़ारूक़ रद़ियल्लाह अन्हु का बैतुलमाल से वज़ीफ़ा हजरत उमर रद़ियल्लाह अन्हु भी तिजारत किया करते थे। जब खलीफ़ा बनाये गये तो बैतुल माल से वजीफ़ा मुक़र्रर हुआ। मदीना-ए-तय्यबा में लोगों को जमा फ़रमा कर इर्शाद फ़रमाया कि मैं तिजारत किया करता था। अब तुम लोगों ने इसमें मश्गूल …

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फज़ाइले-सदकात – ૨૨

एक दरख़्त के बदले में जन्नत में खजूर का दरख़्त मिलना हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रद़ियल्लाह अन्हु फरमाते हैं कि एक शख़्स के मकान में खजूर का एक दरख़्त खड़ा था, जिसकी शाख पड़ोसी के मकान पर भी लटक रही थी। वह पड़ोसी गरीब आदमी था। जब यह शख़्स अपने …

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फज़ाइले-आमाल – ૨૭

हज़रत अबूबक्र सिद्दीक़ रद़ियल्लाहु अन्हु का बैतुलमाल से वज़ीफ़ा हजरत अबूबक्र सिद्दीक़ रद़ियल्लाहु अन्हु के यहां कपड़े की तिजारत होती थी और इसी से गूज़र-औक़ात था। जब खलीफ़ा बनाये गए तो हस्बे-मामूल सुबह को चन्द चादरें हाथ पर डालकर बाजार में फ़रोख्त के लिए तशरीफ़ ले चले। रास्ते में हजरत …

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फज़ाइले-आमाल – २६

हज़रत अबूहुरैरह रज़ि० की भूख में हालत हजरत अबूहरैरह रजि० एक मर्तबा कत्तान के कपड़े में नाक साफ़ करके फ़रमाने लगे: क्या कहने अबूहुरैरह के, आज कत्तान के कपड़ में नाक साफ़ करता है, हालांकि मुझे वह जमाना भी याद है जब हुजूरे-अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के मिम्बर और …

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फज़ाइले-आमाल – २५

हज़रत उमर रज़ि० के वुस्अत तलब करने पर तंबीह और हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम) के गुज़र की हालत बीवियों की बाज़ ज़्यादतियों पर एक मर्तबा हुज़ूरे-अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने क़सम खा ली थी कि एक महीने तक उनके पास न जाऊंगा, ताकि उनको तंबीह हो और अलाहिदा ऊपर एक …

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