एक बार, हजरत उमर रदि अल्लाहु अनहु के लिए खास दुआ करते हुए, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: رحم الله عمر، يقول الحق (بكل صراحة) وإن كان مرا (للناس)، تركه الحق وما له صديق (يراعيه عند قول الحق) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧١٤) अल्लाह उमर पर रहम करे! वह …
और पढ़ो »हज़रत उमर रदि अल्लाहु अन्हु के रास्ते से शैतान का भागना
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत उमर रदि अल्लाहु अन्हु से फरमाया: إِيْهٍ يا ابن الخطاب، والذي نفسي بيده ما لقيك الشيطان سالكا فجا قط إلا سلك فجا غير فجك (صحيح البخاري، الرقم: ٣٦٨٣) ऐ खत्ताब के बेटे! उसकी क़सम जिसके क़ब्ज़े में मेरी जान है! शैतान …
और पढ़ो »दीन के अ’हकाम में सबसे ज्यादा मजबूत
हज़रत नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: وأشدهم في أمر الله عمر (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧٩١) मेरी उम्मत में अल्लाह तआला के दीन के मामले में सबसे मजबूत उमर है (यानी वह निहायत मजबूती के साथ भलाई का हुक्म करने का और बुराई से रोकने का फ़रीज़ा …
और पढ़ो »नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दो वजीर
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: ما من نبي إلا له وزيران من أهل السماء ووزيران من أهل الأرض، فأما وزيراي من أهل السماء فجبريل وميكائيل، وأما وزيراي من أهل الأرض فأبو بكر وعمر (سنن الترمذي، الرقم: 3680) जो भी नबी गुज़रे, उस के लिए आसमान वालों में …
और पढ़ो »अल्लाह तआला की तरफ से हक का इल्हाम
हज़रत नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: إن الله جعل الحق على لسان عمر وقلبه (أي: أجراه عليهما) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٦٨٢) अल्लाह तआला ने उमर (रदि अल्लाहु अन्हु) की ज़ुबान और दिल पर हक़ बात डाल दी है (यानी अल्लाह ताला …
और पढ़ो »नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलयही वसल्लम की दुआ
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलयही वसल्लम ने दुआ फरमाई: اللهم أعز الإسلام بأحب هذين الرجلين إليك بأبي جهل أو بعمر بن الخطاب قال عبد الله بن عمر رضي الله عنهما: وكان أحبهما إليه عمر (سنن الترمذي، الرقم: ٣٢٨١) ओ अल्लाह! उमर बिन खत्ताब और अबू जहल में से जो आप …
और पढ़ो »हजरत अबू बकर रदी अल्लाहु अन्हु की खिलाफत की तरफ इशारा करना
रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने सहाबा ए किराम रदी अल्लाहु अन्हुम को मुखातब करते हुए फ़रमाया: إني لا أدري ما بقائي فيكم فاقتدوا باللذين من بعدي وأشار إلى أبي بكر وعمر (سنن الترمذی، الرقم: 3663) मुझे मालूम नहीं कि मैं कितने दिन आप लोगों के दरम्यान रहूंगा, इसलिए …
और पढ़ो »नमाज़ में इमामत का सबसे ज़्यादा हकदार
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: لا ينبغي لقوم فيهم أبو بكر أن يؤمهم غيره (سنن الترمذي، الرقم: ٣٦٧٣) जिस मज्मा’ में अबू बकर रदी अल्लाहु अन्हु मौजूद हों, वहां अबू बकर के अलावा किसी और के लिए मुनासिब नहीं है कि वह नमाज़ में लोगों की …
और पढ़ो »नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम के नजदीक सब से ज्यादा महबूब
سئل سيدنا رسول الله صلى الله عليه وسلم مرة فقيل: يا رسول الله، أي الناس أحب إليك؟ قال: عائشة، قيل: من الرجال؟ قال: أبوها (سنن ابن ماجة، الرقم: ١٠١) एक मर्तबा नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से सवाल किया गया: ऐ अल्लाह के रसूल! लोगों में आप को …
और पढ़ो »अल्लाह ताला हजरत अबू बकर रदि अल्लाहु अन्हु को कयामत के दिन अज्र-ओ-षवाब अता फरमायेंगे
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया ما لأحد عندنا يد إلا وقد كافيناه ما خلا أبا بكر فإن له عندنا يدا يكافئه الله به يوم القيامة (سنن الترمذي، الرقم: ٣٦٦١) जिस ने भी हमारे साथ कोई एहसान किया, हम ने उसका बदला (इस दुनिया में) दे दिया सिवाए …
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