सहाबए किराम

सहाबए किराम (रज़ि.) के लिए अल्लाह तआला की सहमति की ‎अभिव्यक्ति (इज़हार)‎

  अल्लाह तआला ने क़ुर्आने करीम में सहाबए किराम (रज़ि.) के लिए जन्नत का एलान फ़रमायाः وَالسَّابِقُونَ الْأَوَّلُونَ مِنَ الْمُهَاجِرِينَ وَالْأَنصَارِ وَالَّذِينَ اتَّبَعُوهُم بِإِحْسَانٍ رَّضِيَ اللَّهُ عَنْهُمْ وَرَضُوا عَنْهُ وَأَعَدَّ لَهُمْ جَنَّاتٍ تَجْرِي تَحْتَهَا الْأَنْهَارُ خَالِدِينَ فِيهَا أَبَدًا ۚ ذَٰلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِيمُ ﴿۱۰۰﴾ और जो मुहाजिरीन तथा अन्सार साबिक़ (पेहले) …

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सहाबए किराम (रज़ि.) के लिए मोहब्बत

हज़रत जाफ़रूस साईग़(रह.) बयान करते हैं के हज़रत इमाम अहमद बिन हम्बल(रह.) के पड़ोस में एक आदमी रेहता था. जो बहुत से गुनाहों और बुराईयों में शामिल था. एक दिन वह आदमी हज़रत इमाम अहमद बिन हम्बल(रह.) की सभा में हाज़िर हुवा और सलाम किया. हज़रत इमाम अहमद बिन हम्बल(रह.)ने …

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