حدّد سيدنا عمر رضي الله عنه قبل موته ستة من الصحابة الكرام رضي الله عنهم وأمرهم باختيار الخليفة من بينهم، وكان منهم سيدنا سعد رضي الله عنه. قال سيدنا عمر رضي الله عنه عنهم: ما أجد أحدا أحق بهذا الأمر من هؤلاء النفر الذين توفي رسول الله صلى الله عليه …
और पढ़ो »हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हू के लिए रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पेशीन-गोई
हज-ए-विदा’ के मौके पर जब हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हू बिमार थे और उन्हें अपनी वफ़ात का अंदेशा था, तो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनसे फ़रमाया: ولعلك تخلف حتى ينفع بك أقوام ويضر بك آخرون तुम ज़रूर ज़िन्दा रहोगे; यहां तक कि बहुत से लोगों को आप की …
और पढ़ो »रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम की मुबारक ज़बान से हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की तारीफ
हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हू एक दफा रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम के पास आए। उन्हें देखकर रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: هذا خالي فليُرِني امرؤ خاله. (جامع الترمذي، الرقم: ٣٧٥٢) ये मेरे मामूँ हैं। किसी का मामूँ, मेरे मामूँ की तरह है, तो वो मुझे दिखाए। हज़रत …
और पढ़ो »हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खुसूसी दुआ
गज़व-ए-उह़ुद में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए खुसूसी दुआ फ़रमाई। आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: ارم فداك أبي وأمي तीर चलाओ! मेरे मां-बाप तुम पर कुर्बान! रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लिए हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की पहरेदारी …
और पढ़ो »अल्लाह त’आला की बारगाह में हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की दुआओं की क़ुबूलियत
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए दुआ फ़रमाई: اللهم استجب لسعد إذا دعاك (سنن الترمذی، الرقم: ۳۷۵۱) ऐ अल्लाह! स’अ्द की दुआ क़बूल फ़रमा, जब वो आपसे दुआ करें! नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का खास तौर पर दुआ …
और पढ़ो »हज़रत स’अद बिन अबी वक्कास रदि अल्लाहु ‘अन्हु को जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: स’अद जन्नत में होंगे (वो उन लोगों में से हैं जिनको इस दुनिया में जन्नत की बशारत दी गई है।) इस्लाम कबूल करने से पहले हजरत स’अद रदि अल्लाहु ‘अन्हु का ख्वाब हज़रत स’अद रदि अल्लाहु ‘अन्हु फ़रमाते हैं: इस्लाम कबूल करने से …
और पढ़ो »आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नज़दीक आप के रिश्तेदारों में सबसे ज़्यादा मह़बूब
जब हज़रत फातिमा रदि अल्लाहु ‘अन्हा का निकाह हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु से हुआ, तो आप सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम ने हज़रत फातिमा रदि अल्लाहु ‘अन्हा से फ़रमाया: मैं ने आप का निकाह अपने रिश्तेदारों में से उस शख्स से किया है जो मुझे सबसे ज़्यादा मह़बूब है। रसूलुल्लाह …
और पढ़ो »हज़रत ‘अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु से मोह़ब्बत करना ईमान की ‘अलामत है
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम ने हज़रत ‘अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु से फ़रमाया: لا يحبك إلا مؤمن، ولا يبغضك إلا منافق (أي حب سيدنا علي رضي الله عنه من علامات الإيمان، بشرط الإيمان بجميع أمور الدين الأخرى). (جامع الترمذي، الرقم: ٣٧٣٦) जो मोमिन होगा वो तुमसे मोहब्बत ही करेगा और …
और पढ़ो »हज़रत ‘अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु का बुलंद-तरीन मक़ाम
नबी ए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम ने हज़रत ‘अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु से फ़रमाया: أنت مني وأنا منك (أي في النسب والمحبة) (صحيح البخاري، الرقم: ٢٦٩٩) तुम मुझसे हो और मैं तुमसे हूं (यानी हम दोनों एक ही नसब से हैं और हमारी मोहब्बत का त’अल्लुक़ बहुत मज़बूत है)। …
और पढ़ो »नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और हज़रत अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु के दरम्यान इंतिहाई गेहरा ताल्लुक़
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम ने हज़रत फातिमा रदि अल्लाहु ‘अन्हा से फ़रमाया: إني وإياك وهذا النائم – يعني عليا – وهما – يعني الحسن والحسين – لفي مكان واحد يوم القيامة (أي في الجنة) (المستدرك للحاكم، الرقم: ٤٦٦٤) क़यामत के दिन बेशक मैं और तुम और ये शख्स जो …
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