सवाल:– क्या जायदाद (संपत्ती) और फ़्लेट वग़ैरह पर ज़कात फ़र्ज़ है?
और पढ़ो »दुरूद शरीफ़ क़यामत के दिन नूर का कारण
हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमा…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम का हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ रज़ियल्लाहु अन्हु के सर पर अमामा बांधना
عندما أمّر رسول الله صلى الله عليه وسلم سيدنا عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه على جيش دومة الجندل، عم…
जुमआ के दिन कषरत से दुरूद शरीफ़ पढ़ना
عن أبي أمامة رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم أكثروا علي من الصلاة في كل يوم الجمع…
दुरूद-शरीफ़ की बरकत से तमाम दीनी और दुन्यवी ज़रूरतों की किफ़ायत
عن محمد بن يحيى بن حبان عن أبيه عن جده رضي الله عنه أن رجلا قال يا رسول الله صلى الله عليه وسلم أجعل…
मौत से पेहले जन्नत में ठिकाना नज़र आना
عن أبي موسى المديني رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: من صلى علي يوم الجمعة ألف مرة…
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नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – १४
दूसरी रकात (१) पेहली रकअत के दूसरे सजदे के बाद तकबीर केह कर दूसरी रकअत के लिए खड़ी हो जाऐं. (२) सजदे से उठते हुए पेहले पेशानी उठाए, फिर नाक, फिर हाथों और आख़िर में घुटनों को उठाऐं. (३) सजदे से उठते हुए ज़मीन का सहारा न लें (मगर यह …
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – १३
सजदा (१) तकबीर कहें और हाथ उठाए बग़ैर सजदे मे जायें. (२) सजदे में जाते हुए पेहले ज़मीन पर घुटनों को रखें, फिर हथेलियों को ज़मीन पर रखें, फिर नाक को और आख़िर में पेशानी को रखें. (३) सजदे की हालत में ऊंगलियों को एक दूसरे से मिलावे और क़िब्ला …
और पढ़ो »नुसरत का मदार
हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “फ़तहो नुसरत का मदार क़िल्लत(कमी) और कषरत(ज़्यादती) पर नहीं वह चीज़ ही और है. मुसलमानों को सिर्फ़ उसी एक चीज़ का ख़्याल रखना चाहिए यअनी ख़ुदा तआला की रिज़ा फिर काम में लग जाना चाहिए, अगर कामयाब हों शुकर …
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – १२
रूकूअ और क़ौमा (१) सुरए फ़ातिहा और सूरत पढ़ने के बाद तकबीर कहें और हाथ उठाए बग़ैर रूकुअ में जायें. नोटः जब मुसल्ली नमाज़ की एक हयअत (हालत) से दूसरी हयअत (हालत) की तरफ़ जावे, तो वह तकबीर पढ़ेगी. इस तकबीर को तकबीरे इन्तेक़ालिया केहते हैं. तकबीरे इन्तेक़ालिया का हुकम …
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