सवाल – एक आदमी ने हज्ज या उमरह का एहराम बांध लिया, लेकिन उस को एसी बिमारी लाहिक हो गई के अब वह सफरे हज्ज पर नही जा सकता हे, इस मसअलह में शरीअत क्या केहती हे ? ओर वह आदमी एहराम से कैसे नीकलेगा ?
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2 days ago
हज़रत जिब्रईल (अलै.) और रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की बद दुआ
जो बुलंद आवाज़ से दुरूद शरीफ़ पढ़ेगा, उस को जन्नत मिलेगी, तो में ने और मजलिस के दीगर लोगों ने भी बुल…
3 days ago
निकाह और वलीमा की सुन्नतें और आदाब
शरीअत ने मियां-बीवी में से हर एक को अलग अलग जिम्मेदारियां दी है, शरीअत ने दोनों को अलग ज़िम्मेदारियो…
4 days ago
सुरतुल क़द्र की तफ़सीर
तर्जमाः- बेशक हमने क़ुर्आन को शबे क़द्र में उतारा (१) और आप को कुछ मालूम है के शबे क़द्र कैसी चीज़ ह…
5 days ago
दीन की तब्लीग़ में मेहनत
“लोगों को दीन की तरफ़ लाने और दीन के काम में लगाने की तदबीरें सोचा करो (जैसे दुनिया वाले अपने दुनयाव…
1 week ago
एसी मजलिस का अंजाम जिस में न अल्लाह का ज़िकर किया जाए और न ही दुरूद पढ़ा जाए
ऐसी मजलिस जिस में अल्लाह तआला का ज़िकर नही किया और रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) पर दुरूद नही…
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क्या उस औरत पर हज्ज फर्ज हे, जिस के पास महरम न हो.
सवाल – एक औरत के पास हज्ज की इसतिताअत (ताकत) हे, मगर उस के साथ जानेवाला कोइ महरम नही हे, तो क्या उस पर हज्ज फर्ज होगा ?
और पढ़ो »व्यापार संभालने के लिए मुनासिब (उपयुक्त) आदमी न मिलने की वजह से हज्ज बाद में अदा करना ?
सवाल – एक आदमी हज्ज की इसतीताअत (ताकत) रखता हे, लेकिन वह हज के लिए नही जा रहा हे, इसलिए उस को कोइ एसा मुनासीब आदमी नही मिल रहा हे, जो उस की गैर मौजुदगी में उस की तिजारत (व्यापार) संभाल सके. इस बारे में शरीअत क्या केहती हे ?
और पढ़ो »कया कई एकड जमीन के मालिक पर हज्ज फर्ज हे ?
सवाल – एक शख्स कइ एकड जमीन का मालिक हे ओर वही जमीन उस के लिए कमाने का जरीआ (स्त्रोत) हे अगर वह शखस थोडी जमीन या पूरी जमीन फरोखत कर दें, तो उस के पास इतना माल आ जाएगा जो हज्ज के लिए काफी होगा तो क्या एसे शख्स …
और पढ़ो »हज्ज की फ़रजियत के लिए कितने माल का मालिक होना ज़रूरी हैं ?
सवाल – कुंवारे शख्स पर फ़र्ज होने के लिए कितने माल का मालिक होना ज़रूरी हे ?
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