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तरावीह की नमाज़ चार चार तथा छ छ रकअत कर के पढ़ना

सवाल – एक इमाम साहब ने रमज़ान के महीने में बीस रकआत तरावीह की नमाज़ पढ़ाई. तरावीह के दौरान इमाम साहब तशह्हुद में बैठे बग़ैर तीसरी रकअत के लिए खड़े हो कर चार रकआत के साथ नमाज़ को मुकम्मल कर ली, तो क्या तरावीह की यह चार रकआत दुरूस्त हुई. …

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क़यामत की अलामात (संकेत) – दूसरा प्रकरण

उम्मत के सामने क़यामत की अलामत को बयान करने का मक़सद हज़रत रसूले ख़ुदा (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने अपनी उम्मत को क़यामत की बहोत सी छोटी और बड़ी अलामतों से आगाह किया है. उन में बहोत सी छोटी अलामतें गुज़िश्ता सदियों में ज़ाहिर हो चुकी हैं और बहोत सी छोटी …

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हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – १०

इज़तिबाअ और रमल उमरह के तवाफ़ में मर्द इज़तिबाअ और रमल करेगा. इज़तिबाअ यह है के तवाफ़ करने वाला मर्द एहराम की चादर को दायीं बग़ल में से निकाल कर बायें कंधे पर ड़ालेगा और दाहना कंधा खुला छोडेगा. पूरे तवाफ़ में (यअनी सातों चक्करो में) मर्द इज़तिबाअ करेगा. और …

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हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – ९

उमरे के तवाफ़ का तरीक़ा जब आप मस्जिदुल हराम पहोंचें, तो मस्जिद में दाख़िल होने की मस्नून दुआ पढ़ें फिर उमरह के लिए आगे बढ़ें. दो रकअत तहिय्यतुल मस्जिद न पढ़ें जैसा के आप दूसरी मस्जिदों में दाख़िल होने के बाद पढ़ते है, बलके सीघे तवाफ़े उमरह के लिए जाए, …

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