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नबी ए करीम सल्लल्लाहू अलयही वसल्लम के खास सहाबी

नबी ए करीम सल्लल्लाहू अलयही वसल्लम ने एरशाद फरमाया:‎ لكل نبي رفيق في الجنة، ورفيقي فيها عثمان بن عفان (سنن ابن ماجه، الرقم: 109) जन्नत में हर नबी का एक रफ़ीक़ (साथी) होगा और मेरा रफ़ीक़ (जन्नत में) उस्मान बिन ‎अफ्फान होगा। जन्नत में कुंवा खरीदना जब सहाबा ए किराम …

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अल्फ़ारुक – हक़ और बातिल के दरमियान फ़र्क करनेवाला

سئلت سيدتنا عائشة رضي الله عنها: من سمّى عمرَ الفاروقَ؟ قالت: النبي صلى الله عليه وسلم. (الطبقات الكبرى ٣/٢٠٥) एक मर्तबा हज़रत आयशा रदी अल्लाहु अन्हा से पूछा गया: हज़रत उमर रदी अल्लाहु अनहू को “अल्-फ़ारुक” का लक़ब किसने दिया? उन्होंने जवाब दिया: उनको ये लक़ब हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयही …

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नाजायज़ उमूर (कामों) पर चश्म-पोशी (किसी का गुनाह देखते हुए भी अनदेखा करना) अख्लाके नबवी से नहीं है

शेखुल-हदीस हज़रत मौलाना मुहम्मद ज़कारिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फ़रमाया: एक बात बहुत ध्यान से सुनो, चाहे उसको वसीयत समझो। आज असर के बाद की मजलिस में (उस में जो किताब सुनाई जाती है) ख़ुल्क़े हसन (अच्छे अखलाक) का बार-बार ज़िक्र आया, मुझे इस बारे में एक नसीहत करनी …

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जन्नत के अधेर उम्र वालों के सरदार

हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: هذان سيدا كهول أهل الجنة من الأولين والآخرين إلا النبيين والمرسلين (سنن الترمذي، الرقم: ٣٦٦٤) ये दोनों सहाबा (हज़रत अबू बक्र और हज़रत उमर रदि अल्लाहु अन्हुमा) जन्नत के तमाम अगले पिछले अधेर उम्र लोगों के सरदार होंगे (वो लोग जो इन …

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दुआ की सुन्नतें और आदाब – १

दुआ अल्लाह सुब्हानहु व ता’आला की बेशुमार नेमतों और ख़ज़ानों के हुसूल का ज़रिया है। अहादीसे मुबारका में दुआ की बहुत सी फ़ज़ीलतें वारिद हुई हैं। हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का इर्शाद है कि दुआ इबादत का मग़ज़ है। दूसरी हदीस शरीफ़ में नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व …

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