मुसलमानो की दीनी तरक़्क़ी और इस्लाह की फ़िकर – एक अज़ीम सुन्नत हज़रत अक़दस शाह वलियुल्लाह (अल्लाह उन पर रहम करें) एक बुलंद पाया मशहूर आलिमे दीन और जलीलुल क़दर मुहद्दिष थे. आप शहर “दिल्ही” में रेहते थे. अल्लाह तआला ने आप को और आप के ख़ानदान को दीन की …
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मुसलमानो की दीनी तरक़्क़ी और इस्लाह की फ़िकर – एक अज़ीम सुन्नत हज़रत अक़दस शाह वलियुल्लाह (अल्लाह उन…
अल-अतीक – जहन्नम की आग से आज़ाद
كان سيدنا رسول الله صلى الله عليه وسلم جالسا مع أصحابه مرة، فنظر إلى سيدنا أبي بكر رضي الله عنه وقال…
(१६) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल
क़बर पर पौदे का ऊगना सवालः- अगर किसी क़बर पर पौदा उग जाऐ, तो क्या हमें उस का काटना ज़रूरी है? जवाबः-…
उम्मते मुहम्मदिया में सबसे श्रेष्ठ इंसान
नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: إن أبا بكر خير ممن طلعت عليه الشمس أو غربت (رواه…
गुफा में और ह़ोज़े कौषर पर रसूले करीम रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम का सहवास
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम ने हज़रत अबू बक्र रज़ि अल्लाहु अन्हु से फरमाया: أنت صاحبي …
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अल-अतीक – जहन्नम की आग से आज़ाद
كان سيدنا رسول الله صلى الله عليه وسلم جالسا مع أصحابه مرة، فنظر إلى سيدنا أبي بكر رضي الله عنه وقال: هذا عتيق الله من النار فيومئذ سمي سيدنا أبو بكر رضي الله عنه عتيقا (مسند البزار، الرقم: ٢٢١٣، مجمع الزوائد، الرقم: ١٤٢٨٩) एक बार नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि …
और पढ़ो »(१६) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल
क़बर पर पौदे का ऊगना सवालः- अगर किसी क़बर पर पौदा उग जाऐ, तो क्या हमें उस का काटना ज़रूरी है? जवाबः- अगर क़बर पर पौदा ख़ुद बख़ुद उग जाऐ, तो उस को छोड़ दे. उस को काटने की ज़रूरत नहीं है. [१] क़बर पर पौदा लगाने अथवा टेहनी रखने …
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नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इर्शाद फ़रमाया: إن أبا بكر خير ممن طلعت عليه الشمس أو غربت (رواه الطبراني كما في مجمع الزوائد، الرقم: ١٤٣١٤) नि:संदेह अबू बक्र रदियल्लाहु अन्हु (मेरी उम्मत में) सबसे श्रेष्ठ इंसान हैं, जिन पर सूरज उगा या डूबा। उम्मते मुहम्मदिया में सबसे श्रेष्ठ इंसान …
और पढ़ो »गुफा में और ह़ोज़े कौषर पर रसूले करीम रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम का सहवास
हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम ने हज़रत अबू बक्र रज़ि अल्लाहु अन्हु से फरमाया: أنت صاحبي على الحوض (الكوثر يوم القيامة) وصاحبي في الغار (أثناء الهجرة) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٦٧٠) तुम मेरे साथी होंगे होज़ (कौषर) पर (जैसे हिजरत के समय) तुम गुफा में मेरे साथी थे। हज़रत अबु बक्र …
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