निकाह की सुन्नतें और आदाब – ९

घर के अन्दर ग़ैर महरमों से परदा

अगर एक घर के अन्दर परिवार के एसे सदस्य भी रेहते हों, जो बिवी के लिये ग़ैर महरम हों, तो ग़ैर महरम लोग और बिवी के दरमियान परदा करना ज़रूरी है, घर के अन्दर हर वक़्त परदे का पूरा एहतेमाम करना चाहिये.

घर के अन्दर परदे का तरीक़ा यह है के खाने के वक़्त सब मर्द और औरतें एक साथ बैठ कर न खायें, बलके मर्द अलग बैठ कर खाये और औरतें अलग बैठ कर खायें.

इसी तरह घर के अन्दर जो विशेष (मख़सूस) कमरे हैं मसलन गैर महरम मर्द या गैर महरम औरत का विशेष (मख़सूस) कमरा, तो ग़ैर महरम मर्द को चाहिए के ग़ैर महरम औरत के विशेष कमरे में दाख़िल न हो जाये, और ग़ैर महरम औरत को चाहिए के ग़ैर महरम मरद के विशेष कमरे में दाख़िल न हो जाये, ताकि किसी के ज़हन में किसी के बारे में शक और शुबा पैदा न हो और हर एक तोहमत (बदनामी) से बच सके.

लेकिन विशेष कमरों के अलावह घर के अन्दर जो सामान्य कमरें हैं जहां सब को हर वक़्त दाख़िल होने की इजाज़त है मषलन बावरची ख़ाना, खाने का कमरा और बैठक वग़ैरह, तो इन कमरों में घर के तमाम सदस्य को जाने की इजाज़त है. अलबत्ता इस बात का ख़्याल रखना ज़रूरी है के अगर इन जगहों में ग़ैर महरम औरतें मौजूद हों, तो ग़ैर महरम मर्दों को उस वक़्त वहां नही जाना चाहिये. इसी तरह अगर ग़ैर महरम मर्द मौजूद हों, तो ग़ैर महरम औरतों को वहां नही जाना चाहिये.

 


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