तिलावत के फ़ज़ाईल दुनिया नूर और आख़िरत में ख़ज़ाना हज़रत अबु ज़र (रज़ि.) बयान करते हैं के में ने एक मर्तबा रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) से अर्ज़ किया के ए अल्लाह के रसूल ! मुझे कोई नसीहत फ़रमाऐं. आप (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमायाः तक़्वा को मज़बूती से पकड़ो, क्युंकि …
और पढ़ो »इयादते-मरीज़ की सुन्नतें और आदाब – २
इयादते-मरीज़ के फज़ाइल सत्तर हज़ार फ़रिश्तों की दुआ का हुसूल हज़रत अली रद़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत ह…
दुरूद शरीफ़ ग़ुर्बत दूर करने का ज़रीआ
हज़रत अबु हुरैरह (रज़ि.) से रिवायत है के एक मर्तबा नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के…
हज़रत बिलाल रद़ियल्लाहु अन्हु – हब्शियों में सबसे पहले मुसलमान
عن سيدنا أنس رضي الله عنه أنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: السباق (أقوامهم إلى الإسلام) أر…
एक मोमिन की ज़िंदगी पर नमाज़ का बड़ा असर
हज़रत मौलाना मुहम्मद इल्यास साहिब रह़िमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फरमाया: हमारे नज़दीक इस्लाह की तर…
सो (१००) हाजतो का पूरा करना
हजीर जाबिर (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो व्यक…
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हंमेशा नफ़ा देने वाला निवेष
शैख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहमंद ज़करिय्या (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “दुनिया का कोई काम भी बग़ैर मेहनत, श्रम के नही हो सकता , तिजारत हो, ज़िराअत हो, सब में पापड़ बेलने पड़ते हैं. इसी तरह दीन का काम भी बग़ैर श्रम के नहीं हो सकता, मगर दोनों में …
और पढ़ो »मोहब्बत का बग़ीचा (छब्बिसवां प्रकरण)
بسم الله الرحمن الرحيم नेक औलाद – आख़िरत की असल पूंजी इन्सान पर अल्लाह तआला की बेश बहा नेअमतों में से एक नेअमत है, क़ुर्आने मजीद में अल्लाह तआला ने इस बड़ी नेअमत का ज़िकर फ़रमाया है. अल्लाह तआला का इरशाद हैः وَاللَّهُ جَعَلَ لَكُم مِّنْ أَنفُسِكُمْ أَزْوَاجًا وَجَعَلَ لَكُم …
और पढ़ो »उम्मत के लिए हिदायत के सितारे
हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) का इरशाद है के “मेरे सहाबा (रज़ि.) (मेरी उम्मत के लिए) सितारों की तरह हैं, तुम उन में से जिस की पैरवी करोगे, हिदायत पावोगे.”(रज़ीन कमा फ़ी मिश्कातुल मसाबीह, अर रक़म नं- ६०१८) हज़रत उमर का गहरी मोहब्बत और हज़रत रसूलुल्लाह की यादें हज़रत …
और पढ़ो »सूरतुल कवषर की तफ़सीर
बेशक हम ने आप को ख़ैरे कषीर अता फ़रमाई है (१) सो आप अपने परवरदिगार की नमाज़ पढ़िए और क़ुर्बानी किजीए (२) बिलयक़ीन आप का दुश्मन ही बेनामो निशान है (३)...
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