ذات مرة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد رضي الله عنه الناس فأقسم بالله وقال: والله لمشهد شهده رجل يغبر فيه وجهه مع رسول الله صلى الله عليه وسلم أفضل (عند الله) من عمل أحدكم (من غير الصحابة) ولو عُمِّرَ عمر نوح عليه السلام (وقضى حياته كلها في الأعمال الصالحة) (مسند …
और पढ़ो »हज़रत उस्मान रद़ियल्लाहु अन्हु की शहादत पर हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु का हुज़्न-व-ग़म
بعدما قتل البغاةُ سيدنا عثمان رضي الله عنه في المدينة المنورة، خاطب سيدنا سعيد بن زيد -وكان في الكوف…
ख़ैर तलब करना
उहद की लड़ाई में हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दरयाफ़्त फ़रमाया के सअद बिन रबीअ (रज़ि.)…
अल्लाह तआला की रज़ामंदी का हुसूल
हज़रत आंईशा (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो आदमी…
हज़रत उम्मे-सलमह रद़ियल्लाहु अन्हा की हज़रत सईद बिन-ज़ैद रद़ियल्लाहु अन्हु को अपनी नमाज़े-जनाज़ा पढ़ाने की वसीयत
أوصت أم المؤمنين السيدة أم سلمة رضي الله عنها أن يصلي عليها سعيد بن زيد رضي الله عنه (مصنف ابن أبي ش…
तजीयत की सुन्नतें और आदाब – 1
मुसीबतज़दा लोगों के साथ ताज़ियत (संवेदना व्यक्त करना) इस्लाम एक सम्पूर्ण और व्यापक जीवन-प्रणाली है। …
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फज़ाइले-आमाल – ३२
हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम से मुहब्बत करने वाले पर फक्र की दौड़ एक सहाबी हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की खिदमत में हाज़िर हुए और अर्ज़ किया कि या रसूलुल्लाह! मुझे आपसे मुहब्बत है। हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने फरमाया, देख क्या कहता है। उन्होंने फिर यही अर्ज़ किया कि मुझे …
और पढ़ो »हैज़ की हालत में या जनाबत की हालत में कुरान-शरीफ़ का तर्जुमा पढ़ने का हुक्म
सवाल: अगर किसी ने हैज़ की हालत में या जनाबत की हालत में कुराने-करीम का तर्जुमा पढ़ा, लेकिन उसने जानबूझकर ऐसा नहीं किया; बल्कि, वह कोई ऐसा लेख पढ़ रहा था जिसमें कुराने-करीम की किसी आयत का तर्जुमा लिखा हुआ था। जवाब: हैज़ की हालत में या जनाबत की हालत …
और पढ़ो »दस रहमतों का हुसूल
عن أبي هريرة أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال: من صلى علي واحدة صلى الله عليه عشرا...
और पढ़ो »सूरह फ़लक की तफ़सीर
قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ الْفَلَقِ ﴿١﴾ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ﴿٢﴾ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا وَقَبَ ﴿٣﴾ وَمِن شَرِّ النَّفَّاثَاتِ فِي الْعُقَدِ ﴿٤﴾ وَمِن شَرِّ حَاسِدٍ إِذَا حَسَدَ ﴿٥﴾ आप (ऐ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम! लोगों से) कह दीजिए कि मैं पनाह मांगता हूं सुबह के रब की (१) हर चीज़ के शर से जो उसने बनाई (२) और अंधेरी …
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