अदायगीए – हज के लिए अपनी बुन्यादी (मुल) जरूरी चीजें फरोखत (बेचना) करना

सवाल– अगर किसी के पास हज अदा करने के लिए पुरी रकम न हो, तो कया उस को अपनी हवाईजे असलिय्याह (ज़रूरत की चीज़ें मसलन घर, घरेलु सामान वग़ैरह) का बेचना ज़रूरी है; ताकि वह हज कर सके?

जवाब – अदायगीये हज के लिए हवाईजे असलिय्याह (ज़रूरत की चीज़ें जैसे कि घर, घरेलु सामान वगेरह) का बेचना जरूरी नहीं है.

अल्लाह तआला ज्यादह जानने वाले हैं.

(فرض)…(مرة)…(على الفور)… ( على مسلم )… ( حر مكلف ) عالم بفرضيته … ( صحيح ) البدن ( بصير ) غير محبوس وخائف من سلطان يمنع منه ( ذي زاد ) يصح به بدنه فالمعتاد اللحم ونحوه إذا قدر على خبز وجبن لا يعد قادرا ( وراحلة )… ( فضلا عما لا بد منه ) كما مر في الزكاة ومنه المسكن ومرمته ولو كبيرا يمكنه الاستغناء ببعضه والحج بالفاضل فإنه لا يلزمه بيع الزائد نعم هو الأفضل وعلم به عدم لزوم بيع الكل والاكتفاء بسكنى الإجارة بالأولى وكذا لو كان عنده ما اشترى به مسكنا وخادما لا يبقى بعده يكفي للحج لا يلزمه خلاصة وحرر في النهر أنه يشترط بقاء رأس مال لحرفته إن احتاجت لذلك وإلا لا وفي الأشباه معه ألف وخاف العزوبة إن كان قبل خروج أهل بلده فله التزوج ولو وقته لزمه الحج ( و ) فضلا عن ( نفقة عياله ) ممن تلزمه نفقته لتقدم حق العبد ( إلى ) حين ( عوده ) وقيل بعده بيوم وقيل بشهر ( مع أمن الطريق ) بغلبة السلامة ولو بالرشوة ( الدر المختار 2/455-465)

जवाब देनेवालेः

मुफ़ती झकरिया मांकडा

इजाझत देनेवालेः

मुफ़ती इब्राहीम सालेहजी

Source: http://muftionline.co.za/node/190

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