हालते हैज (माहवारी) में तवाफे जियारत करना

सवाल – हज के दरमियान, तवाफे जि़यारत से पेहले औरत (महिला) को हैज (माहवारी) शुरू हो जाए तो क्या वह हैज़ की हालत (माहवारी) में जियारत कर सकती है?

जवाब – हैज की हालत (माहवारी) में तवाफे जि़यारत करना जायज़ नहीं है. ऐसी औरत (महिला) पाक होने के बाद तवाफे जि़यारत करे.

अल्लाह तआला ज्यादह जानने वाले हैं.

(وحيضها لا يمنع) نسكا (إلا الطواف) ولا شئ عليها بتأخيره إذا لم تطهر إلا بعد أيام النحر (در المختار) (قوله إلا الطواف) فهو حرام من وجهين دخولها المسجد وترك واجب الطهارة (شامي ج2 ص528)

(أو طاف للقدوم) لوجوبه بالشروع (أو للصدر جنبا) أو حائضا (أو للفرض محدثا ولو جنبا فبدنة إن) لم يعده (الدر المختار باب الجنايات ج2 ص550)

( أو ترك أقل سبع الفرض ) يعني ولم يطف غيره حتى لو طاف للصدر انتقل إلى الفرض ما يكمله ثم إن بقي أقل الصدر فصدقة وإلا فدم ( وبترك أكثره بقي محرما ) أبدا في حق النساء ( حتى يطوف) (شامي ج2 ص553)

نقل بعض المحشين عن منسك ابن أمير حاج لو هم الركب على القفول ولم تطهر فاستفتت هل تطوف أم لا قالوا يقال لها لا يحل لك دخول المسجد وإن دخلت وطفت أثمت وصح طوافك وعليك ذبح بدنة وهذه مسألة كثيرة الوقوع يتحير فيها النساء اه (شامي ج2 ص519)

जवाब देनेवालेः

मुफ़ती झकरिया मांकडा

इजाझत देनेवालेः

मुफ़ती इब्राहीम सालेहजी

Source: http://muftionline.co.za/node/199

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