(१) अगर मय्यित का सिर्फ सर मिले और जिस्म न मिले, तो ग़ुसल देना वाजिब नहीं होगा, बल्कि सिर्फ सर को दफ़न कर दिया जाएगा.
(२) अगर मय्यित के जिस्म का आधे से ज़्यादह हिस्सा मिले(चाहे वह सर के साथ हो या सर के बग़ैर हो), तो ग़ुसल देना वाजिब होगा.
(३) अगर मय्यित का सिर्फ आधा हिस्सा मिले, तो उस में दो सूरतें हैः आधा हिस्सा सर समैत मिले या सर के बग़ैर मिले. अगर आधा हिस्सा सर समैत मिले, तो ग़ुसल वाजिब होगा और अगर आधा हिस्सा सर के बग़ैर मिले, तो ग़ुसल वाजिब नहीं होगा.
(४) अगर मय्यित का जिस्म आधे से कम मिले(चाहे सर के साथ हो या सर के बग़ैर हो), तो ग़ुसल बाजिब नहीं होगा. [१]
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[१] (وجد رأس آدمي) أو أحد شقيه (لا يغسل ولا يصلى عليه) بل يدفن إلا أن يوجد أكثر من نصفه ولو بلا رأس قال الشامي : قوله ( ولو بلا رأس ) وكذا يغسل لو وجد النصف مع الرأس بحر (رد المحتار ۲/۱۹۹)