जुमा के दिन कसरत से दुरूद-शरीफ़ पढ़ना

عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم : أكثروا الصلاة علي في الليلة الزهراء واليوم الأغر فإن صلاتكم تعرض علي (المعجم الأوسط للطبراني وسنده ضعيف لكن يتقوى بشواهده كما في القول البديع صـ 325)

 हज़रत अबू-हुरैरा रद़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया कि रोशन रात और रोशन दिन में (जुमा की रात और जुमा के दिन में) मुझ पर बहुत ज़्यादा दुरूद भेजो, क्यूंकि तुम्हारा दुरूद मेरे सामने पेश किया जाता है।

दुरूद-शरीफ़ लिखने की बरकत से गुनाहों की बख़शिश

हज़रत इब्ने-अबी-सुलैमान रह़िमहुल्लाह कहते हैं कि मैंने अपने वालिद को इन्तेक़ाल के बाद ख्वाब में देखा।

मैंने उन से पूछा कि अल्लाह तआला शानुहु ने आप के साथ क्या मामला फ़रमाया? उन्होंने फ़रमाया कि अल्लाह तआला ने मेरी मग़फ़िरत फ़र्मा दी।

मैंने पूछाः किस अमल (नेक काम) पर? उन्होंने फ़रमाया कि हर हदीस में, मैं हुज़ूरे-अक़दस सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम पर दुरूद लिखा करता था। (फज़ाइले-दुरूद पेज नंबर=१६४)

يَا رَبِّ صَلِّ وَسَلِّم دَائِمًا أَبَدًا عَلَى حَبِيبِكَ خَيرِ الخَلْقِ كُلِّهِمِ

Check Also

पुल सीरात पर मदद

عن عبد الرحمن بن سمرة رضي الله عنه قال: خرج علينا رسول الله صلى الله عليه وسلم فقال: إني رأيت البارحة عجبا رأيت رجلا من أمتي يزحف على الصراط مرة ويحبو مرة ويتعلق مرة فجاءته صلاته علي فأخذت بيده فأقامته على الصراط حتى جاوزه...