सवाल – अगर किसी केज़िम्मे बहोत क़ज़ा नमाज़ें हैं, क्या रमज़ान के महीने में तरावीह की नमाज़ के बदले क़ज़ा नमाज़ें पढ़ सकता है?
जवाब – एसे आदमी को चाहिए के वह रमज़ान के महीने में दोनों नमाज़ें पढ़े, तरावीह नमाज़ को अपने वक़्त में पढ़े और दूसरे वक़्त में क़ज़ा नमाज़ें पढ़े.
अल्लाह तआला ज्यादह जानने वाले हैं.
जवाब देनेवालेः
मुफ़ती ज़करीया मांकडा
इजाझत देनेवालेः
मुफ़ती इब्राहीम सालेहजी
Source: