सदक़ए फ़ित्र ज़कात के निसाब के बराबर देना

सवाल – अगर कोइ शख़्स किसी ग़रीब आदमी को इतना ज़्यादा सदक़ए फ़ित्र दे के दी हुई रक़म ज़कात के निसाब को पहुंच जाए, तो क्या यह जाइज़ है?

जवाब – एक ग़रीब आदमी को इतना ज़्यादा सदक़ए फ़ित्र देना के दी हुई रक़म ज़कात के निसाब को पहोंच जाए यह मकरूह है, ता हम सदक़ए फ़ित्र अदा हो जाएगा.

अल्लाह तआला ज़्यादा जानने वाले हैं.

दारूल इफ़्ता, मद्रसा तालीमुद्दीन

इसिपिंगो बीच, दरबन, दक्षिण अफ्रीका

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