संपत्ती और फ़्लेट वग़ैरह पर ज़कात

सवाल – क्या जायदाद (संपत्ती) और फ़्लेट वग़ैरह पर ज़कात फ़र्ज़ है?

जवाब –

जो जायदाद (संपत्ती) बेचने की निय्यत से न ख़रीदी गई हो, उस पर ज़कात फर्ज़ नहीं होगी, आदमी सिर्फ जायदाद (संपत्ती) से हासिल शुदा किराया (पैसे) पर ज़कात अदा करेगा।

अलबत्ता जो जायदाद (संपत्ती) बेचने की निय्यत से ख़रीदी गई हो, तो उस जायदाद (संपत्ती) की क़ीमत पर आदमी ज़कात अदा करेगा।

नोट:- जायदाद की कीमत से मुराद जायदाद की बाज़ारी क़ीमत है।

अल्लाह तआला ज़्यादा जानने वाले हैं.

وفى الخانية ولو اشترى قدورا من صفر يمسكها ويؤاجرها لا تجب فيها الزكاة كما لا تجب فى بيوت الغلة (الفتاوى التاتارخانية ۱٦۹/۳)

و فى الكبرى إذا اشترى دارا أو عبدا للتجارة فآجره خرج من أن يكون للتجارة لأنه لما آجره فقد قصد الغلة فخرج عن حكم التجارة (الفتاوى التاتارخانية ۱٦۷/۳)

فلا زكاة على مكاتب ولا فى مرهون ومديون للعبد بقدر دينه ولا فى ثياب البدن واثاث المنزل ودور السكنى ونحوها

قال العلامة الطحطاوي – رحمه الله -: (قوله وأثاث المنزل) اى أمتعة البيت من نحو أبسطة و أكسية كذا فى الجلالين (قوله ونحوها) كحوانيت وخانات يستغلها (حاشية الطحطاوي على الدر المختار ۱/۳۹۲)

رجل اشترى عبدا للتجارة فآجره أو دارا فآجرها خرج العبد والدار من أن يكون للتجارة لأنه لما آجرهما فقد قصد الغلة فخرج من حكم التجارة (التجنيس والمزيد ۲/۳٠۱)

दारूल इफ़्ता, मद्रसा तालीमुद्दीन

इसिपिंगो बीच, दरबन, दक्षिण अफ्रीका

Source: http://muftionline.co.za/node/71

Check Also

मासिक धर्म के दौरान तवाफ़ ज़ियारत करना

सवाल – एक औरत हैज़ वाली है और उसे तवाफ़-ए-ज़ियारत करना है। लेकिन वो वापसी …