जीवन के हर पहलू में इत्तेबाये सुन्नत की कोशिश करे

शैख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहमंद ज़करिय्या (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः  

“शमाईल (यअनी हुज़ूर सल्लाहु अलयहि वसल्लम की मुबारक जिवन के तरीके यअनी रहन सहन, कपड़े पहनने और ख़ाने पीने वग़ैरह) का ख़ूब मुताला (अभ्यास) रखो, जिन चीज़ों पर अमल न हो ‎सके तो कम से कम उन को दिल से अच्छा समझो के होना तो यही ‎चाहिये, लेकिन हम अपनी कमजोरी और असहिष्णुता की वजह से ‎एसा नही कर सकते. ‎

मेरे चचा जान (यअनी हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब (रह.)) भी ‎मुझको इत्तेबाए सुन्नत की नसीहत फ़रमाई थी और यह के अपने ‎दोस्तो को भी उस की ताकीद ज़रूर करते रेहना.‎” (मलफ़ूज़ात हज़रत शैख़ (रह.), पेज नं-३३)

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