हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब(रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः
“हक़ीक़ी इस्लाम यह है के मुसलमान में “ला ईलाह इलल्लाह” की हक़ीक़त पाई जाए. और उस की हक़ीक़त यह है के उस का एतेक़ाद करने के बाद अल्लाह तआला की बंदगी का अज़मो इरादा दिल में पैदा हो, माबूद के राज़ी करने की फ़िकर दिल को लग जाए, हर वक़्त यह घुन रहे के हाये वह मुझ से राज़ी है या नहीं?” (मलफ़ूज़ात हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास(रह.), पेज नं-४९)