हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब(रह.) ने एक मर्तबा फ़रमायाः
“लोगों को दीन की तरफ़ लाने और दीन के काम में लगाने की तदबीरें सोचा करो (जैसे दुनिया वाले अपने दुनयावी मक़सदों के लिए तदबीरें सोचते रहते हैं) और जिस को जिस तरह से मुतवज्जेह कर सकते हो उस के साथ उसी रास्ते से कोशिश करो.” (मलफ़ूज़ात हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास(रह.), पेज नं-८०)