عن ابن عباس رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم في يوم أضحى ما عمل آدمي في هذا اليوم أفضل من دم يهراق إلا أن يكون رحما توصل رواه الطبراني في الكبير (الترغيب والترهيب ۲/۹۹)
हज़रत अबदुल्लाह बिन अब्बास (रज़ि.) से रिवायत हे के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इदुल अज़हा (बकरी ईद) के दिन ईरशाद फ़रमायाः आज के दिन इन्सान का कोई अमल (कार्य) ख़ून बहाने (कुरबानी) से अफ़ज़ल नही है, मगर वह रिश्तेदारी जिस को (तोङ दिया गया है) फ़िर जोडा जाए (वह कुरबानी के षवाब से भी ज़्य़ादा है).